देश भर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार प्रयासरत है ऐसे में देश मे उन क्षेत्रों को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है जहां ज्यादा संख्या में पर्यटक आ सकते हैं.
लद्दाख के बाद और अब नार्थ ईस्ट पर फोकस करते हुए केंद्रीय पर्यटन मंत्री, जी. किशन रेड्डी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा 13 सितंबर, को गुवाहाटी में पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के पर्यटन और संस्कृति मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे. पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन के विकास और सम्पर्क से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पर 13 और 14 सितंबर 2021 को भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय, इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है.
दो दिवसीय सम्मेलन में क्षेत्र के विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ उद्योग जगत के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. प्रतिभागियों को क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कई परियोजनाओं और पहलों से अवगत कराया जाएगा.
नार्थ ईस्ट के राज्य प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटक आकर्षणों की वजह से पर्यटकों की पहली पसंद हमेशा से रहा है. इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर में पर्यटन बुनियादी ढांचे, प्रोत्साहन और कौशल विकास कार्यक्रमों के निर्माण के लिए कई परियोजनाओं और पहलों के बारे में जानकारी दी जाएगी. वहीं 14 सितंबर को तकनीकी सत्र में स्वदेश दर्शन और प्रशाद योजनाओं के तहत स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी.
वहीं पर्यटन के विकास के लिए स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी. नागरिक विमानन, रेलवे, सड़क परिवहन और राजमार्ग और दूरसंचार विभाग जैसे केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालय भी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और सम्पर्क के विकास और वृद्धि के लिए उनके द्वारा की गई विभिन्न पहलों की जानकारी देंगे.
पर्यटन मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन को और अधिक उत्साह के साथ बढ़ावा देने के लिए, अपर महानिदेशक की अध्यक्षता में क्षेत्र में सक्रिय हितधारकों के साथ एक समिति का गठन किया है. इसमें नए स्थलों की पहचान करने, उनके आसपास पर्यटन स्थान विकसित करने, स्थानों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. जागरूकता पैदा करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा सकने वाले स्थानों की पहचान की जा जाएगी और स्थानीय हितधारकों के लिए उन्हें आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए कार्यशालाओं/सेमिनारों का आयोजन भी किया जाएगा.