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मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की 'नींव' पक्की कर रहे किसान, टिकरी बॉर्डर पर शुरू किया पक्का निर्माण

किसानोंं ने धरनास्थल पर पक्के कमरों की चिनाई का काम शुरू कर दिया है. किसानों की मानें तो धरनास्थल पर बनाए जा रहे पक्के कमरों में कूलर व पंखे भी लगाए जाएंगे. किसानों ने यह भी बताया कि धरनास्थल पर निर्माण भी इस तरह से शुरू किया गया है जैसे हम अपने घर बनाने में करते हैं.

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टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने पक्का निर्माण शुरू कर दिया है.(फोटो-आजतक)
टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने पक्का निर्माण शुरू कर दिया है.(फोटो-आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पक्के कमरों के लिए चिनाई का काम हुआ शुरू
  • हुड्डा खाप के किसानों ने शुरू किया पक्का निर्माण
  • फसल कटाई के बाद धरने पर लौटेंगे किसान

कृषि कानून को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की 'नींव' को किसान और मजबूत करने में जुट गए हैं. कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर तीन माह से भी ज्यादा दिनों से यहां झज्जर-दिल्ली सीमा के टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पक्का निर्माण शुरू किया है.  हुड्डा खाप के किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर पक्का निर्माण शुरू कर दिया है.

किसानोंं ने धरनास्थल पर पक्के कमरों की चिनाई का काम शुरू कर दिया है. किसानों की मानें तो धरनास्थल पर बनाए जा रहे पक्के कमरों में कूलर व पंखे भी लगाए जाएंगे. किसानों ने यह भी बताया कि धरनास्थल पर निर्माण भी इस तरह से शुरू किया गया है जैसे हम अपने घर बनाने में करते हैं. कमरों की हो रही चिनाई में उच्च क्वालिटी की निर्माण सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है ताकि निर्माण बेहतर व पक्के ढंग से हो सके.

किसानों का कहना था कि वह सर्दियों की तरह गर्मियां भी अब सड़क पर ही बिताएंगे. जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होगा तब तक वह धरने से उठने वाले नहीं है और धरने पर डटे रहेंगे. किसानों के अनुसार उन्होंने धरने पर बैठने की और गांव की फसलों की पूरी व्यवस्था बना ली है. किसानों ने कहा कि फसल की कटाई के बाद वे लोग धरने पर वापस लौट आएंगे.

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गौरतलब है कि किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा बन चुके भारत किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसानों का समर्थन जुटाने के लिए 28 फरवरी से 22 मार्च तक का अपना प्लान बना लिया है. वह देश के विभिन्न राज्यों में प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं. राकेश टिकैत की अपील के बाद हाल ही में पंजाब और हरियाणा  के कई किसानों ने अपनी तैयार फसल पर ट्रैक्टर चला दिया था. हालांकि बाद में राकेश टिकैत की ऐसा ना करने की गुजारिश के बाद किसान मान गए थे.

 

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