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तेलंगाना में 'भेड़ घोटाला', ACB की जांच में कई अफसर गिरफ्तार, KCR सरकार की स्कीम थी ये

तेलंगाना सरकार द्वारा शुरू की गई 'भेड़ वितरण योजना' में हुए कथित घोटले को लेकर जांच चल रही है. पिछले दिनों सूबे की सरकार के चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था और अब एसीबी ने दो और अधिकारियों को अरेस्ट किया है.

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भेड़ वितरण स्कीम
भेड़ वितरण स्कीम

तेलंगाना (Telangana) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने गुरुवार को दो और सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया. यह गिरफ्तारी राज्य सरकार की भेड़ वितरण योजना में कथित घोटाले की चल रही जांच के सिलसिले में हुई है. एजेंसी के मुताबिक एसीबी की एक रिलीज में कहा गया कि दो आरोपी अधिकारियों, अंजिलप्पा और कृष्णैया को गिरफ्तार कर लिया गया है.

ACB के मुताबिक अधिकारियों ने कथित तौर पर निजी व्यक्तियों के साथ मिलीभगत और साजिश रची और अवैध कृत्यों और उल्लंघनों का सहारा लिया. एसीबी ने कथित घोटाले के सिलसिले में इससे पहले भी कुछ सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया था.

रिपोर्ट के मुताबिक 2021 और 2023 के दौरान, पशुपालन विभाग ने आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले से भेड़ की खरीद की थी, लेकिन भेड़ व्यापारियों को भुगतान नहीं किया गया था.

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क्या है भेड़ वितरण योजना?
तेलंगाना की बीआरएस सरकार ने साल 2017 में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और चरवाहों के लिए स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भेड़ वितरण योजना शुरू की. पहले चरण के तहत, हर परिवार को 75 फीसदी सब्सिडी पर 1.25 लाख रुपये की यूनिट कॉस्ट वाली 20 भेड़ें दी गईं. योजना के क्रियान्वयन पर कुल 4,980.31 करोड़ रुपये का खर्च आया. अन्य राज्यों से लगभग 82.74 लाख भेड़ें खरीदी गईं और प्राथमिक भेड़ प्रजनक सहकारी समितियों (PSBCS) के 3.92 लाख सदस्यों के बीच बांटी गईं.

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