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पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल पर स्वदेशी जागरण मंच को आपत्ति, कहा- ये आत्मनिर्भर भारत में बाधा

स्वदेशी जागरण मंच (SJM) द्वारा पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल, 2020 (Pesticide Management Bill 2020) के कुछ बिंदुओं पर सवाल खड़े किए गए हैं. स्वदेशी जागरण मंच ने इसको लेकर कृषि मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को चिट्ठी भी लिखी है. 

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स्वदेशी जागरण मंच ने खड़े किए हैं सवाल (सांकेतिक तस्वीर)
स्वदेशी जागरण मंच ने खड़े किए हैं सवाल (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्वदेशी जागरण मंच की कमेटी को चिट्ठी
  • पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल के बिंदुओं पर सवाल

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबंधित स्वदेशी जागरण मंच (SJM) द्वारा पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल, 2020 (Pesticide Management Bill 2020) के कुछ बिंदुओं पर सवाल खड़े किए गए हैं. स्वदेशी जागरण मंच ने इसको लेकर कृषि मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को चिट्ठी भी लिखी है. 

स्वदेशी जागरण मंच के मुताबिक, इस बिल में कई तरह की खामियां हैं, जो आत्मनिर्भर भारत के मिशन को चोट पहुंचा सकती हैं. कहा गया है कि पेस्टिसाइड को लेकर भारत में प्रोडक्शन क्षेत्र में कई उम्मीदें हैं, लेकिन अभी भी देश आयात पर निर्भर है. 

स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि मौजूदा बिल में स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को सुरक्षित करने का कोई प्रावधान नहीं है. कई बिंदु ऐसे हैं, जो निर्यातक और विदेशी कंपनियों के हितों का समर्थन करते हैं. 

पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल, 2020 को लेकर संयुक्त जागरण मंच ने सुझाव दिए हैं कि रजिस्ट्रेशन कमेटी को किसी भी निर्यात किए जाने वाले पेस्टिसाइड को रद्द करने का अधिकार होना चाहिए. ऐसा तब किया जा सकता है जब भारत में ही उसका कोई दूसरा ऑप्शन उपलब्ध हो. 

स्वदेशी जागरण मंच की मांग है कि 2007 में जिन क्लॉज को हटाया गया था, उन्हें वापस लाने की जरूरत है. 

आपको बता दें कि पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल सुरक्षित और ज़रुरतमंद कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने जोखिम को कम करने के लिए कीटनाशकों को रेगुलेट करता है. ये बिल जैविक कीटनाशकों को बढ़ावा देने का भी काम करता है.
 

 

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