सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अगस्ता वेस्टलैंड मामले की सुनवाई के दौरान ब्रिटिश नागरिक और हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की याचिका खारिज कर दी. क्रिश्चियन ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे राहत देने से इनकार कर दिया.
जमानत शर्तों में बदलाव की मांग
दिल्ली हाई कोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन शर्त लगाई थी कि उसे भारत में अपने निवास की जानकारी देनी होगा, जहां वह जमानत मिलने के बाद रहेगा. लेकिन मिशेल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत शर्तों में संशोधन की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
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सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से कोर्ट में दलील दी गई कि हाई कोर्ट का आदेश उसके पक्ष में है और स्थानीय जमानत की शर्त भी माफ कर दी गई है. ज़मानत के बदले उन्हें नकद जमा करने को कहा गया है. इस पर कोर्ट ने पूछा कि कौन सी स्थिति आपको परेशान कर रही है? जवाब में मिशेल के वकील ने अदालत को शर्तों के जरिए पूरा केस समझाया.
कोर्ट- आज आपकी क्या समस्या है?
वकील- आवेदक को अपने आवासीय पते का ब्यौरा भी देना होगा, मैं 6 साल से तिहाड़ में बंद हूं! यहां मेरा कोई स्थानीय पता नहीं है.
कोर्ट- तुम्हारा कोई परिवार नहीं है, कोई ऐसा नहीं जो ये शर्त पूरी कर सके, कोई तुम्हारे साथ नहीं आएगा?
शर्तें पूरी क्यों नहीं करना चाहते?
अदालत ने आगे कहा कि आपको ये सब सुनिश्चित करना होगा, आप आने का इंतजाम कर सकते हैं, मुझे यकीन है कि आप कुछ और भी कर सकते हैं. आप अपने संपर्कों का पता लगा सकते हैं, कोई आपको निर्देश भी दे रहा होगा? बाहर कौन पैरवी कर रहा है, क्योंकि अंदर से कोई यह नहीं कर सकता!
कोर्ट ने कहा कि अगर आपका स्थाई पता तिहाड़ जेल में है तो वहीं रहें, क्या करें! हमने आपको जमानत दे दी है, आप शर्त भी पूरी नहीं करना चाहते? अगर परिवार आपको निर्देश दे सकता है तो ये भी कर सकता है.
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आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत शर्तों में और संशोधन की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने मिशेल की इस दलील पर नाराजगी जताई कि वह जमानत पर बाहर आने के बाद कहां रहेगा, यह बताने में असमर्थ है. कोर्ट ने कहा कि अगर आपका स्थाई पता तिहाड़ जेल है तो आप वहीं रहें, क्या कर सकते हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट ने मिशेल पर निजी मुचलके के साथ जमानत दी थी और तत्काल पासपोर्ट कोर्ट में जमा कराने की भी छूट दी क्योंकि उसके पासपोर्ट की अवधि खत्म हो चुकी थी. साथ ही कोर्ट ने मिशेल को उस पते की जानकारी देने को कहा था, जहां वह जमानत के बाद रहने का प्लान कर रहा है, इस पते को रिहाई से पहले ट्रायल कोर्ट की तरफ से वैरिफाई किया जाना था.