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65 साल में रिटायर होते हैं सुप्रीम कोर्ट के जज, 62 में हाई कोर्ट के, अब मसला SC में पहुंचा

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की आयु एक समान किए जाने की मांग को लेकर यह जनहित याचिका दायर हुई है. यह याचिका अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
  • एससी, एचसी में रिटायरमेंट उम्र समान करने की मांग

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की आयु में अंतर का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की आयु एक समान किए जाने की मांग को लेकर यह जनहित याचिका दायर हुई है. यह याचिका अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है.

जानकारी के मुताबिक अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. अपनी याचिका में अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट, दोनों ही कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की आयु एक समान करने की मांग की गई है. अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की रिटायरमेंट आयु को लेकर याचिका सोमवार यानी 5 अप्रैल को दायर किया.

गौरतलब है कि इस समय में देश में हाईकोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के जज 65 साल की उम्र में रिटायर होते हैं. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र में तीन साल का अंतर है. इसे लेकर पहले भी चर्चा होती रही है लेकिन अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. ऐसे में सबकी नजरें कोर्ट की ओर हैं.

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