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बर्फ'भारी': शिमला, मनाली से बागेश्वर तक Snowfall, कश्मीर में चिल्ला-ए-खुर्द की ठंड ने चौंकाया

दक्षिण कश्मीर का काजीगुंड शहर शनिवार को सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, इसके बाद कोकेरनाग में 3.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. उत्तरी कश्मीर में गुलमर्ग स्कीइंग रिसॉर्ट में पारा पिछले 72 घंटों से हिमांक बिंदु से कई डिग्री नीचे बना हुआ है और रविवार को न्यूनतम तापमान शून्य से 7.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.

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पटनीटॉप: जम्मू और कश्मीर में पटनीटॉप हिल स्टेशन पर बर्फबारी के दौरान एक पर्यटक
पटनीटॉप: जम्मू और कश्मीर में पटनीटॉप हिल स्टेशन पर बर्फबारी के दौरान एक पर्यटक

हुस्न पहाड़ों का, ओ साहिबा... हुस्न पहाड़ों का... क्या कहना की बारों महीने, यहां मौसम जाड़े का... गुजरे जमाने की फिल्म 'रामतेरी गंगा मैली' के इस गीत में स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने बड़ी ही मखमली आवाज में, पहाड़ के सर्द मौसम की खूबसूरती बयां की थी. गीत में जहां पहाड़ हैं, देवदार के पेड़ हैं. सेब के बागीचे हैं, झरने, रुत और सुहानी फिजा है, वहीं इस फिजा में सर्दी की रूमानियत की बात भी है. इसीलिए तो पहाड़ हमेशा सैलानियों की पहली पसंद रहे हैं, हालांकि इस बार लगता है सर्द मौसम पहाड़ से कुछ रूठा-रूठा सा रहा लिहाजा, जब मौसम था तब बर्फ नहीं थी और जब बर्फ की विदाई का वक्त आया है तो कश्मीर की घाटियों से लेकर उत्तराखंड की वादियों तक रुई के फाहों की मानिंद सुफैद हो रखी हैं. ये नजारा देखकर ऐसा लगता है जैसे सर्द मौसम में ठिठुरते बच्चों का ख्याल आते ही कुदरत ने मां की तरह उन्हें अपने दुशाले में समेट कर छिपा लिया हो.

खैर, बर्फ पड़ रही है. सैलानी पहुंचे हुए हैं. देखने-सुनने में अच्छा लग रहा है, लेकिन खूबसूरती अपने साथ पेशानियों पर बल भी लेकर आती है. चिंता इस बात की कि, आखिर इस बार मौसम इतना बदला-बदला सा क्यों है?

पहाड़ों की सर्दियों की बात हो रही है तो पहले आपको यहां के मौसम की कुछ खास बातें बताते हैं और इन जाड़ों के मौसम को पहाड़ी अपनी प्यारी सी बोली में क्या कहते हैं, वो भी बताते हैं. कश्मीर की बात करें तो यहां मौसम में सर्द अहसास तो यहां आपको सालभर मिलेगा, लेकिन सर्दी के मौसम को अलग-अलग दिनों के अनुसार अलग-अलग नाम दिए गए हैं. ये नाम मौसम में सर्दी के कम या ज्यादा असर के आधार पर दिए गए हैं, साथ ही ये असर कितने दिन का रहेगा, उस आधार पर इनके दिन भी बांटे गए हैं. कुल मिलाकर ये नाम इस आधार पर दिए गए हैं, सर्द मौसम का कितना प्रभाव, कितने दिन तक रहने वाला है. 
इस आधार ये जान लीजिए कि कश्मीर में ठंड के मौसम के तीन स्टेप होते हैं. 
1. चिल्लई कलां (चिल्ला-ए-कलां)
2. चिल्लई खुर्द (चिल्ला-ए-खुर्द)
3. चिल्ला-ए-बच्चा

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कितने दिनों की होती है कश्मीर में सर्दी?
चिल्लई कलां की शुरुआत कश्मीर में हर साल 21 दिसंबर से होती है और यह 29 जनवरी तक रहती है. ये चालीस दिनों का ठंड भरा एक कठिन समय होता है, जब खूब कड़ाके की सर्दी पड़ती है. बर्फ गिरती है और घाटी पूरी तरह बर्फ की सफेद तहों से ढक जाती है. चिल्ला-ए-खुर्द 20 दिन की हल्की सर्दी का समय होता है, जिसमें कभी-कभी और हल्की बर्फ गिरती है. ठंडी हवा चलती है, हालांकि चिल्लई कलां से कम सर्दी का असर रहता है. तीसरा है, चिल्ला-ए-बच्चा जो कि और भी हल्की सर्दी का 10 दिनों का समय होता है. ये सर्दी की विदाई का समय होता है. 

जब मौसम था तब नहीं गिरी बर्फ
थोड़ी देर पहले जिस बात पर चिंता जाहिर की है, वह यही है कि जब चिल्लई कलां में खूब बर्फ पड़ने के दिन थे, तब तो पहाड़ सूने रहे, लेकिन अब 40 दिनों के इस समय को बीते हफ्ता हो चुका है और चिल्ला-ए-खुर्द की हल्की सर्दी का समय चल रहा है तो कश्मीर में बर्फ ही बर्फ है. पहाड़े ढके हुए हैं, सैलानी खुश हो रहे हैं और इसका असर मैदानी इलाकों के मौसम पर भी पड़ रहा है. 

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अभी कैसा है मौसम का हाल, जानिए तापमान
दक्षिण कश्मीर का काजीगुंड शहर शनिवार को सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, इसके बाद कोकेरनाग में 3.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. उत्तरी कश्मीर में गुलमर्ग स्कीइंग रिसॉर्ट में पारा पिछले 72 घंटों से हिमांक बिंदु से कई डिग्री नीचे बना हुआ है और रविवार को न्यूनतम तापमान शून्य से 7.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.

बर्फबारी

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम, जो वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए बेस कैंप है, यहां का न्यूनतम तापमान शून्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग और काजीगुंड शहरों में न्यूनतम तापमान क्रमश: शून्य से 2.2 डिग्री सेल्सियस नीचे और शून्य से 3.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.

कब तक सुधार की उम्मीद, जारी की गई चेतावनी
अधिकारियों ने कश्मीर के पहाड़ी और पहाड़ी इलाकों के लिए हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है और निवासियों से अगले 24 घंटों के लिए अनावश्यक आवाजाही से बचने का आग्रह किया है. बर्फबारी के कारण न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है लेकिन घाटी के अधिकांश स्थानों पर दिन के तापमान में गिरावट आई है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, मंगलवार से कश्मीर में मौसम में सुधार होने की उम्मीद है.

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मौसम में बदलाव से क्या पड़ा असर?
जम्मू और कश्मीर में मौसम इस कदर बदला है कि इस भारी बदलाव के कारण श्रीनगर और लेह में रनवे बंद कर दिए गए हैं. श्रीनगर के लिए इंडिगो की 4 और लेह के लिए इंडिगो की 2 उड़ानें रद्द कर दी गईं. यात्रियों को इसकी सूचना दी गई है और उन्हें जलपान भी दिया गया है. इसके साथ ही उन्हें, पूर्ण रिफंड प्राप्त करने, वैकल्पिक क्षेत्र की यात्रा करने या उड़ान को फिर से तय करने के लिए ऑप्शन दिए गए हैं. विमानन कंपनी ने, सभी यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद जताया है.

सड़कों की क्या है स्थिति?
इसके साथ ही, अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर घाटी में बर्फबारी के कारण रविवार को सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और श्रीनगर हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं. उन्होंने बताया कि कश्मीर के मैदानी इलाकों में मध्यम बर्फबारी हुई, जबकि ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी की खबर है. अधिकारी सड़कों से बर्फ हटा रहे हैं ताकि वाहनों की आवाजाही संभव हो सके. लेकिन सड़कें फिसलन भरी होने के कारण यातायात की गति धीमी रही. बर्फबारी के कारण श्रीनगर हवाई अड्डे से दिन भर के लिए आने वाली और जाने वाली सभी उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.

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कश्मीर में है अभी ऐसा नजारा
अभी कश्मीर का नजारा, जैसा फिल्मों में होता है हूबहू वैसा है. डल झील पर तैरते शिकारों पर आसमान से रुई के फाहों सी गिरती बर्फ देखना अपने आप में सुकून है. कश्मीर की वादियों को इन नजारों के लिए इस बार लंबा इंतजार करना पड़ा. जब पेड़ों की शाखों पर बिछ जाती है बर्फ और सफेद पत्तों के बीच बर्फ के ही फूल से खिल-खिल जाते हैं. सड़कों पर, गाड़ियों पर जमी हुई बर्फ कश्मीर को एक रंग में रंग देती है. 

डल झील का खूबसूरत नजारा
डल झील का खूबसूरत नजारा

इसी कश्मीर का दीदार करने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं. और ये गुलमर्ग की बात बताएं तो पूरी जनवरी तक सैलानियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के बीच भी मायूसी का आलम रहा. हालांकि मायूसी अब दूर हो चुकी है. पिछले कुछ दिनों से यहां जबरदस्त बर्फबारी हो रही है और गुलमर्ग एक बार फिर गुलजार हो उठा है. 

बर्फबारी के साथ आम लोगों के लिए कई तरह की मुसीबतें भी पैदा हो जाती हैं. रास्ते बंद हो जाते हैं. कुपवाड़ा में बर्फबारी के बीच फंसी एक गर्भवती महिला को सेना के जांबाजों ने अस्पताल तक पहुंचाया. जम्मू कश्मीर के पुंछ में हाल के दिनों में जमकर बर्फबार हुई है. लोगों को उम्मीद है कि बर्फबारी की वजह अब उनकी फसल अच्छी होंगी. राजौरी की तस्वीरें तो और मनभावन हैं. बर्फबारी ने यहां भी पूरे इलाके को ढक दिया है. 

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श्रीनगर से तो आज सारी उड़ानें रद्द करनी पड़ी. बर्फबारी के बाद यहां पारा शून्य से 1 डिग्री नीचे लुढ़क गया है. हिमाचल प्रदेश में शिमला, रोहतांग, लाहौल स्पीति सहित पूरे इलाके में जबरदस्त बर्फ गिर रही है. पूरे राज्य में 500 से ज्यादा सड़कें बंद हैं.

उत्तराखंड में 6 फरवरी तक बर्फबारी का अलर्ट
सर्दियों की विदाई का वक्त आने लगा है. इस बार पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ी, लेकिन बर्फबारी के बिना पहाड़ सूने-सूने रह गए. अब फरवरी में कश्मीर से लेकर हिमाचल और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का दौर शुरु हो चुका है. फरवरी में इतनी बर्फबारी कि सबकुछ ठप सा हो गया है. उत्तराखंड में मौसम विभाग ने 6 फरवरी तक बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है.

बद्रीनाथ, रुद्रप्रयाग,उधमसिंह नगर, देहरादून में बारिश
बर्फबारी के साथ उत्तराखंड में एक बार फिर सर्दी का सितम जोरों पर हैं. बद्रीनाथ, रुद्रप्रयाग,उधमसिंह नगर, देहरादून में बारिश की वजह से तापमान में गिरावट आई है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 6 फरवरी तक उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है. हनुमान चट्टी से बद्रीनाथ जा रहे नेशनल हाईवे पर कई जगहों पर रास्ता बिलकुल बंद है. 

गाड़ियों की आवाजाही के लिए जेसीबी से बनाया जा रहा है रास्ता
बद्रीनाथ धाम में पिछले कुछ दिनों से जबरदस्त बर्फबारी हो रही है. गाड़ियों की आवाजाही के लिए जेसीबी की मदद से रास्ता बनाया जा रहा है लेकिन बेजुबानों के लिए ये सफर बेहद मुश्किल है. औली में बर्फबारी के साथ ही दर्जनों गायें यहां बर्फ में घूमती हुई नजर आ रही थी.  गायों के मालिक इन्हे ले जाने के लिए राजी नहीं थे. ऐसे में नगरपालिका की तरफ से इनके रेस्क्यू का अभियान चलाया गया और इन्हे सुरक्षित जोशीमठ पहुंचाया गया.

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अल्मोड़ा में पारा लुढ़का
उत्तराखंड के बागेश्वर में मौसम में दूसरी बर्फबारी हुई. कपकोट के ऊंचाई वाले इलाकों में चारों तरफ बर्फ बिछ गई. मौसम विभाग के मुताबिक बारिश और बर्फबारी की वजह से देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग,उधमसिंह नगर और अल्मोड़ा में पारा लुढ़का है. मौसम विभाग का अनुमान है कि 2500 मीटर से ऊंचाई वाले इलाकों में 6 फरवरी तक बारिश और बर्फबारी जारी रहेगी.

बर्फबारी से ढक गए रास्ते
बर्फबारी से ढक गए रास्ते

देवरियाताल में भी जमकर बर्फबारी
पहाड़ों में बारिश के बाद ठंड बढ़ गई है. लगातार मौसम खराब होने के कारण अब जन जीवन भी प्रभावित होने लग गया है. पर्यटक स्थल देवरियाताल में भी जमकर बर्फबारी हो रही है. ताल चारो ओर से बर्फ से ढ़क गया है. टिहरी और अल्मोड़ा का भी यही हाल है. टिहरी जिले के भारत तिब्बत सीमा से सटे सीमांत गांव गंगी की ड्रोन से ली गई कुछ तस्वीरें सामने आई है जो काफी मन मोहक नजर आ रही हैं.

हिमाचल प्रदेश में क्या है हाल
हिमाचल का हाल भी कश्मीर से मिलता जुलता ही है. यहां फरवरी में हो रही बेहिसाब बर्फबारी से 518 सड़कें बंद हो चुकी हैं. मौसम विभाग ने पूरे हिमाचल के लिए बर्फबारी का यलो अलर्ट जारी किया है. बर्फबारी की वजह से बिजली और पानी की भी किल्लत हो रही है. बीती रात लाहौल स्पीति में पारा शून्य से 4.9 डिग्री नीचे लुढ़क चुका था.

शिमला बरसी बर्फ तो थिरकने लगे कदम
जब शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर आसमान से बर्फ बरसने लगी तो यहां आए सैलानियों के कदम थिरकने लगे. पर्यटकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. नैट मौसम विभाग ने पहले ही आज और कल बारिश और बर्फबारी को लेकर अलर्ट जारी किया था. ऐसे में बाहरी राज्यों से काफी तादाद में पर्यटक बर्फबारी की आस लिए शिमला पहुंचे हुए थे. 

लाहौल स्पीति में बर्फबारी का सालाना जश्न शुरू
कई लोगों के लिए आसमान से गिरती बर्फ देखने का ये पहला मौका था. शिमला में 2 दिन पहले भी जमकर बर्फबारी हुई है और यह बर्फ अभी तक पिघली नहीं और अब दोबारा से बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दो दिन तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा. लाहौल स्पीति की घाटियों में जब बर्फ गिरी तो स्थानीय लोगों के लिए जैसे त्योहार का मौसम आ गया. 

मनाया जा रहा है 'गोची त्योहार'
यहां गांव-गांव में परंपरागत गोची का जश्न मनाया जा रहा है. ढोल मंजीरे के साथ लोग झूमते गाते हैं और तीरंदाजी के जरिए पुजारी इस बात की भविष्यवाणी करते हैं कि अगले साल गांव में कितने बेटे या बेटियों का जन्म होगा. बर्फबारी की वजह से लाहौल स्पीति के रास्तों पर बर्फ जमी है, जिसे लगातार हटाने का काम चल रहा है ताकि पर्यटकों को आने में मुश्किल न हो. हिमाचल प्रदेश के रोहतांग जिले में अटल टनल के पास ताजा बर्फबारी हुई है. बर्फबारी की वजह से यहां तापमान में भी गिरावट हुई. पिछले कुछ दिनों में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे थे.

हिमाचल के नरवर में भी सड़कें बंद
हिमाचल के नरवर में भी बर्फबारी की वजह से सड़कें बंद हैं. पूरे इलाके में सिर्फ बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है.  कुल मिलाकर जनवरी में भले ही बर्फबारी के बिना पहाड़ों में सूखी सर्दी पड़ी लेकिन फरवरी की शुरुआत से जमकर बर्फबारी हो रही है. 

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