तमिलनाडु के थिरुपुवनम (जिला शिवगंगा) में पुलिस हिरासत के दौरान मारे गए अस्थायी मंदिर सुरक्षा गार्ड अजित कुमार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब तमिलनाडु सरकार ने अजित कुमार के परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा, आवासीय भूमि और एक सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है.
सरकारी बयान के अनुसार, पीड़ित परिवार को हाउस साइट पट्टा (जमीन के स्वामित्व का दस्तावेज़), आर्थिक सहायता और नौकरी दी गई है. मृतक के छोटे भाई नवीन कुमार, जिन्होंने आईटीआई की पढ़ाई पूरी की है उन्हें राज्य दुग्ध सहकारी संस्था एएवीआईएन में तकनीशियन पद पर नियुक्त किया गया है.
सीबीआई को सौंपा गया केस
तमिलनाडु के सहकारिता मंत्री केके पेरियाकरुप्पन और जिला कलेक्टर के. पोरकोडी ने स्वयं जाकर नवीन को नियुक्ति पत्र सौंपा. इस बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार शिवगंगा जिले में अजित कुमार की कथित हिरासत में मौत की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपेगी.
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मुख्यमंत्री ने कहा, “इस मामले में पुलिस विभाग के पांच कर्मियों पर आरोप हैं. इसलिए किसी भी प्रकार के संदेह से बचने के लिए मैंने आदेश दिया है कि यह केस सीबीआई को सौंपा जाए. राज्य सरकार जांच में पूरा सहयोग देगी.”
पुलिस को जनता की रक्षा करनी चाहिए- सीएम
सीएम स्टालिन ने इस घटना को “अस्वीकार्य” और “अक्षम्य” बताया और कहा, “यह एक कड़ा संदेश है कि ऐसी घटनाएं अब कहीं भी और कभी भी नहीं होनी चाहिए. पुलिस को जनता के विश्वास की रक्षा करनी चाहिए.” घटना पर दुख व्यक्त करते हुए स्टालिन ने अजित कुमार के परिवार को आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की जाएगी. उन्होंने परिवार को न्याय दिलाने का वादा करते हुए कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.