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शताब्दी ट्रेन में AC खराब, कंज्यूमर कोर्ट ने रेलवे को दिया 20 हजार हर्जाना देने का आदेश

अगर यात्री AC के प्रथम श्रेणी में यात्रा करता है और डिब्बे का AC खराब हो जाता तो फिर आपको AC प्रथम श्रेणी और मेल/एक्सप्रेस के प्रथम श्रेणी के किराये का अंतर मिलेगा. वो भी आप टिकट पर अंकिंत यात्रा के स्टेशनों के बीच का ही रिफंड लेने के लिए हकदार होंगे. अगर यात्री AC टू व थ्री टियर में यात्रा करते हैं और सफर के दौरान डिब्बे का AC खराब हो जाता है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

उपभोक्ता आयोग ने रेलवे को आइना दिखाते हुए अपने आदेश से ये साफ कर दिया है कि रेल सफर के दौरान उपभोक्ता यात्रियों को सेवा में त्रुटियों की वजह से होने वाली दिक्कतों के लिए की गई शिकायतों पर उपभोक्ता आयोग और मंचों को सुनवाई का पूरा अधिकार है. ये सिर्फ रेलवे दावा न्यायाधिकरण का ही इकलौता क्षेत्राधिकार नहीं है.

प्रीमियम AC ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस में एयर कंडीशनर खराब होने की वजह से दिल्ली की उपभोक्ता अदालत ने एक यात्री को बीस हजार रुपए हर्जाना और दस हजार रुपए मुकदमा खर्च अदा करने का आदेश उत्तर रेलवे के डिविजन रेल प्रबंधक को दिया है. आयोग ने डीआरएम की अपील भी खारिज कर दी.
 
उत्तरी दिल्ली की उपभोक्ता संरक्षण अदालत के सदस्य राजन शर्मा और बिमला कुमारी के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 और सुप्रीम कोर्ट के बहुत से निर्णयों से ये स्पष्ट है कि उपभोक्ता फोरम को रेलवे के खिलाफ भी उपभोक्ताओं की शिकायतें और मुकदमें सुनने का पूरा अधिकार हैं. रेलवे ने अपनी दलील में कहा था कि उपभोक्ता अदालत और आयोग को ऐसा कोई अधिकार नहीं है. इसके लिए असंतुष्ट यात्री को रेलवे दावा न्यायाधिकरण में शिकायत दर्ज करनी चाहिए थी.
 
क्या था मामला
दिल्ली में पटपड़गंज निवासी, संजीव गोयल ने जून 2016 में शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली से चंडीगढ़ की यात्रा के दौरान बोगी में AC खराब होने की शिकायत की. शिकायत के बावजूद AC ठीक नहीं किया गया और यात्री उमस और बदबू में यात्रा करने को मजबूर रहे. बाद में शिकायत के जबाव में रेलवे ने लिख भेजा कि खराब AC वाली बोगी को सिक श्रेणी में रखा गया था. उसमें गैस लीकेज की वजह से AC कम ठंडा कर रहा था. हालांकि पहले भी जब रेलवे के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत की जाती है तो रेलवे एक ही दलील देता है कि जिला उपभोक्ता फोरम को रेलवे के खिलाफ शिकायतें सुनने का अधिकार नहीं है. लेकिन अब उपभोक्ता अदालत ने कह दिया है कि उसे पूरा अधिकार है. 

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जानिए क्या हैं रेलवे के नियम जब यात्रा के दौरान डिब्बे में AC खराब हो!
अगर यात्री AC के प्रथम श्रेणी में यात्रा करता है और डिब्बे का AC खराब हो जाता तो फिर आपको AC प्रथम श्रेणी और मेल/एक्सप्रेस के प्रथम श्रेणी के किराये का अंतर मिलेगा. वो भी आप टिकट पर अंकिंत यात्रा के स्टेशनों के बीच का ही रिफंड लेने के लिए हकदार होंगे.

अगर यात्री AC टू व थ्री टियर में यात्रा करते हैं और सफर के दौरान डिब्बे का AC खराब हो जाता है, तो फिर यात्रियों को स्लीपर क्लास का किराया रिफंड के तौर पर मिलेगा. AC चेयरकार में सफर करने वालों के लिए इस तरह के रिफंड में सेकंड क्लास का किराया मिलेगा. वहीं शताब्दी एक्सप्रेस के एग्जिक्यूटिव क्लास में यात्रा कर रहा है तो उसको फर्स्ट क्लास के किराये का अंतर मिलेगा.

अगर कोई यात्री ई-टिकट बुक करता है तो फिर ऐसे लोगों को अधिकतम 20 घंटे में ऑनलाइन टीडीआर फाइल करना होगा. इसके अलावा ट्रेन में चल रहे टीटीई से एक सर्टिफिकेट भी लेकर उसे आईआरसीटीसी के ग्रुप जनरल मैनेजर (आईटी), इंटरनेट टिकटिंग सेंटर, आईआरसीए बिल्डिंग, स्टेट एंट्री रोड नई दिल्ली-55 पर डाक से भेजना होगा. इसके बाद ही यात्रियों का रिफंड प्रोसेस पूरा होगा और रेलवे क्लेम की राशि खाते में भेज देगा.

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