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रामकृष्ण मठ और मिशन के प्राचार्य स्वामी स्मरणानंद महाराज का 95 साल की उम्र में निधन

रामकृष्ण मठ और मिशन के प्राचार्य स्वामी स्मरणानंद महाराज का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वह जनवरी महीने से अस्पताल में भर्ती थे. वह रामकृष्ण मठ और मिशन के 16वें प्राचार्य थे. कई तरह की बीमारी से पीड़ित थे और लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था. सीएम ममता बनर्जी और पीएम मोदी भी उन्हें अस्पताल में देखने पहुंचे थे.

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रामकृष्ण मठ और मिशन के प्राचार्य स्वामी स्मरणानंद महाराज
रामकृष्ण मठ और मिशन के प्राचार्य स्वामी स्मरणानंद महाराज

रामकृष्ण मठ और मिशन के प्राचार्य स्वामी स्मरणानंद महाराज का मंगलवार को निधन हो गया. वह 95 वर्ष के थे. उन्होंने मंगलवार रात 8:14 बजे रामकृष्ण मिशन सेवा संस्थान में अंतिम सांस ली. वह उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से 29 जनवरी से अस्पताल में भर्ती थे. कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री मोदी अपने बंगाल दौरे पर अस्पताल में उनका हाल जानने पहुंचे थे.

पीएम मोदी ने एक एक्स पोस्ट में स्मरणानंद महाराज के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की थी. स्वामी स्मरणानंद रामकृष्ण मठ और मिशन के 16वें प्राचार्य थे. उन्होंने स्वामी आत्मस्थानंद की मृत्यु के बाद 17 जुलाई 2017 को प्राचार्य के रूप में कार्यभार संभाला था. स्वामी स्मरणानंद महाराज के निधन पर पीएम मोदी ने एक एक्स पोस्ट में कहा, "रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के श्रद्धेय अध्यक्ष श्रीमत स्वामी स्मरणानंद जी महाराज ने अपना जीवन आध्यात्मिकता और सेवा के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने अनगिनत दिलों और दिमागों पर एक अमिट छाप छोड़ी. उनकी करुणा और बुद्धिमत्ता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी."

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13 मार्च को हुई थी एक छोटी सर्जरी

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स्वामी स्मरणानंद कई तरह की बीमारी से पीड़ित थे. उन्हें सेप्टीसीमिया हो गया था. सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी थी. उन्हें 3 मार्च को वेंटिलेटर पर रखा गया था. 13 मार्च को उनकी श्वासनली में एक ट्यूब डालने के लिए एक छोटी सर्जरी की गई थी. डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें किडनी की भी समस्या है.

मार्च 2022 में रामकृष्ण मठ के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे. उस समय उन्हें कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कई दिनों के इलाज के बाद वह ठीक हो गए थे. वह पहले की तरह ही काम कर रहे थे लेकिन जनवरी में वह फिर से बीमार पड़ गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अस्पताल जाकर उनसे मुलाकात की थी.

स्वामी स्मरणानंद ने 1956 में ग्रहण किया ब्रह्मचर्य

स्वामी स्मरणानंद का जन्म 1929 में तमिलनाडु के तंजावुर जिले के अंदामी गांव में हुआ था. बहुत कम उम्र में मां को खो दिया. 1946 में उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और नासिक से कॉमर्स में डिप्लोमा किया. 1949 में मुंबई चले गए. रामकृष्ण और स्वामी विवेकानन्द की विचारधारा से प्रेरित होकर वह मुंबई रामकृष्ण मिशन से जुड़ गए. 1952 में 22 साल की उम्र में स्वामी ने शंकरानंद से दीक्षा ली. स्वामी स्मरणानन्द ने 1956 में ब्रह्मचर्य ग्रहण कर लिया.

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'प्रबुद्ध भारत' अंग्रेजी पत्रिका में रहे संपादक

1958 में वे अद्वैत आश्रम की कलकत्ता शाखा में पहुंचे. अद्वैत आश्रम की विभिन्न शाखाओं में 18 वर्षों तक कार्य किया. कुछ वर्षों तक वे विवेकानन्द द्वारा शुरू की गई अंग्रेजी पत्रिका 'प्रबुद्ध भारत' के सम्पादकीय संपादक रहे. वे लगभग 15 वर्षों तक 'रामकृष्ण मिशन सारदापीठ' के सचिव रहे. 1983 में वह रामकृष्ण मिशन के शासी निकाय के सदस्य बने. उन्हें 1991 में चेन्नई रामकृष्ण मिशन के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था.

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