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विधानसभा चुनाव के बाद तेज होगा किसान आंदोलन, MSP मिलने तक जारी रहेगा: टिकैत

टिकैत ने कहा कि जैसे मॉनसून के आने का वक्त होता है उसी तरीके से दिल्ली में भी कोरोना के आने का वक्त तय है. वह 3 मई के बाद आएगा जब चुनाव पूरे हो जाएंगे. चाहे यहां पर कोरोना आ जाए या कोरोना के सारे रिश्तेदार आ जाएं, हम अपना धरना नहीं हटाएंगे हम सारी गाइडलाइन का पालन करेंगे.

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राकेश टिकैत, किसान नेता (फाइल फोटो)
राकेश टिकैत, किसान नेता (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चुनाव के बाद फिर तेज होगा किसान आंदोलन
  • राकेश टिकैत ने कहा हमने कर रखी है पूरी तैयारी
  • लॉकडाउन के दौरान भी यहीं जमे रहेंगे

खेती से जुड़े तीन कानूनों का विरोध कर रहे किसान आंदोलन जारी रखने के मूड में हैं. इसलिए आगे विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद आंदोलन की पकड़ कमजोर ना हो इसके लिए अभी से कमर कस ली है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आजतक से बात करते हुए कहा कि उन्होंने आगे की तैयारी कर ली है जिससे कि किसी भी बहाने आंदोलन कमजोर ना पड़े. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के बाद यात्रा करने के लिए वैक्सीन लगवाना भी जरूरी होगा, इसलिए मैंने लगवा लिया है. 

टिकैत ने कहा कि जैसे मॉनसून के आने का वक्त होता है उसी तरीके से दिल्ली में भी कोरोना के आने का वक्त तय है. वह 3 मई के बाद आएगा जब चुनाव पूरे हो जाएंगे. चाहे यहां पर कोरोना आ जाए या कोरोना के सारे रिश्तेदार आ जाएं, हम अपना धरना नहीं हटाएंगे हम सारी गाइडलाइन का पालन करेंगे. अब यही धरना स्थल हमारा घर है. लॉकडाउन होने के बाद भी नियमों का पालन करते हुए हमलोग यहीं रहेंगे. 

उन्होंने कहा कि कोई राज्य कह सकता है कि अगर किसी ने वैक्सीन नहीं लगवाया हो तो वह हमारे राज्य में नहीं आएगा. जिस तरीके से अभी टेस्ट के लिए कहा जा रहा है और इसी वजह से मैं अपने दस्तावेज पूरे कर रहा हूं ताकि किसी राज्य में जाने में कोई दिक्कत ना हो. हमारी लड़ाई एमएसपी मिलने तक जारी रहेगी और आप हमारे साथ चलने को तैयार हो तो चलते हैं मंडियों में देखेंगे कि कहां पर एमएसपी मिल रहा है.

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टिकैत ने कहा कि 15 तारीख को बंगाल का एक कार्यक्रम है और मेरे बंगाल जाने पर इतने सवाल पूछते हैं. एक महीने का वक्त दीजिए, अभी साथ में खेती चल रही है. उत्तर प्रदेश में चुनाव चल रहा है. गन्ने की कटाई चल रही है. 20 तारीख के बाद फिर से लोग यहां बढ़ने शुरू हो जाएंगे. आंदोलन तो आप ही चल रहा है और अगर यह दिक्कत करेंगे तो दो घंटे के नोटिस पर लोग यहां पर पहुंच जाएंगे. जो कष्ट यहां पर किसान झेल रहा है वह उसे भूलेगा नहीं. 

 

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