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राजस्थान में गिरी स्कूल की छत, व्यवस्था पर उठे सवालों से बचते दिखे सूबे के शिक्षा मंत्री

कोटा के सर्किट हाउस में 24 जुलाई को आजतक ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से सवाल किया था स्कूलों की हालत जर्जर है, इस पर आप क्या कहेंगे, तो उन्होंने कहा था कि यह कांग्रेस का पाप है, धीरे-धीरे ठीक करेंगे.

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राजस्थान में स्कूल की छत गिरने से बड़ा हादसा (Photo: Screengrab)
राजस्थान में स्कूल की छत गिरने से बड़ा हादसा (Photo: Screengrab)

राजस्थान (Rajasthan) के झालावाड़ में एक स्कूल ढहने से कई बच्चों की मौत हो गई और कई छात्र घायल बताए जा रहे हैं. घायल छात्रों को इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया है. कई बच्चे गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. हादसे के बाद सूबे के शिक्षा मंत्री का अजीब बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस को इसका जिम्मेदार बताया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हादसे की हाई लेवल इन्वेस्टिगेशन की जाएगी और घायल बच्चों का इलाज सरकार के खर्चे पर किया जाएगा.

हादसे के बाद चीख-पुकार की आवाजें सुनी गईं. स्कूल में हुआ यह हादसा सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है कि सिस्टम किस तरह से काम कर रहा है. सुबह-सुबह तैयार होकर बच्चे पढ़ने के लिए गए थे और फिर उनकी खबर सामने आई कि वे हादसे का शिकार हो गए हैं.

आजतक ने हादसे के पहले ही उठाया था सवाल...

कोटा के सर्किट हाउस में 24 जुलाई को आजतक ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से सवाल किया था स्कूलों की हालत जर्जर है, इस पर आप क्या कहेंगे, तो उन्होंने कहा था कि यह कांग्रेस का पाप है, धीरे-धीरे ठीक करेंगे. 

आज स्कूल में हुए हादसे के बाद जब शिक्षा मंत्री से फिर से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने अजीब-ओ-गरीब प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "एक साथ ठीक करना मुमकिन नहीं है." 

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यह भी पढ़ें: क्लासरूम में पढ़ रहे थे बच्चे तभी गिर गई सरकारी स्कूल की छत, 4 बच्चों की मौत, राजस्थान में बड़ा हादसा

वीआईपी इलाके में ऐसे हादसे...

सवाल यह उठता है कि जब एक साथ स्कूलों को ठीक नहीं किया जा सकता, तो क्या बच्चे जान दे दें. जिस जगह हादसा हुआ है, यह वो इलाका है, जो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का इलाका कहलाता है. इस तरह के वीआईपी इलाकों की भी हालत इस तरह है कि कभी भी बच्चों के स्कूलों की छतें गिर जाती है. रेस्क्यू के नाम पर ग्रामीण भाग कर आए और जेसीबी मशीनों से मलबा साफ करना शुरू किया गया. प्रशासन को मौके पर पहुंचने में 45 मिनट से एक घंटे लग गया. 

जब भी स्कूलों की जर्जर हालत पर सवाल किए जाते हैं, तो स्कूल के हेड मास्टर कहते हैं कि हमने डीओ को लिख कर दे दिया है. डीओ कहता है कि हमने सरकार को लिखकर दे दिया है. सरकार कहती है कि क्रमबद्ध रूप से स्कूलों की मरम्मत होगी.

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