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चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के दूत से मिलने के बाद नड्डा के न्यौते पर दिल्ली आ रहे प्रचंड, डोभाल से मिलेंगे

नेपाल के पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल नेपाल की राजनीति के एक बड़े चेहरे हैं. पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड दिल्ली में बीजेपी कार्यालय का दौरा करेंगे और बीजेपी के टॉप नेताओं से मिलेंगे. उनका एनएसए अजित डोभाल से भी मिलने का कार्यक्रम है.

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नेपाल के पूर्व PM पुष्प कमल दहल (फाइल फोटो- रायटर्स)
नेपाल के पूर्व PM पुष्प कमल दहल (फाइल फोटो- रायटर्स)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जिनपिंग के विशेष दूत से मिलने के बाद प्रचंड का दिल्ली दौरा
  • नड्डा के न्यौते पर दिल्ली आ रहे हैं पूर्व नेपाली पीएम

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड शुक्रवार को भारत दौरे पर आ रहे हैं. दहल बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के निमंत्रण पर दिल्ली के तीन दिन के दौरे पर पहुंच रहे हैं. इस दौरान वे बीजेपी दफ्तर जाएंगे और नड्डा समेत शीर्ष बीजेपी नेताओं से मुलाकात करेंगे. प्रचंड का विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाकात तय है. 

बीजेपी के विदेश विभाग प्रमुख विजय चौथाईवाले ने ये जानकारी दी है. 

इस दौरान एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया है जिसमें प्रचंड प्रमुख वक्ता के रूप में शामिल होने वाले हैं. 

खास बात यह है कि प्रचंड काठमांडू में दो दिन पहले ही चीन के राष्ट्रपति सी जिनपिंग के विशेष दूत लिय जियान्चाओ से मिल चुके हैं. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के विदेश विभाग प्रमुख समेत रहे जियान्चाओ चार दिन के नेपाल दौरे पर नेपाल पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने प्रचंड सहित सभी प्रमुख वामपंथी दलों के नेताओं से मुलाकात की थी. लिय जियान्चाओ ने समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट होन का संदेश दिया था. 

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बुधवार को ही जिनपिंग के दूत को काठमांडू से विदा करने के तुरन्त बाद प्रचण्ड ने दिल्ली फोन कर भारत भ्रमण की इच्छा जताई थी. बुधवार रात में ही भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने उनकी मेजबानी करने पर हामी भरी थी. इसके बाद गुरुवार को दिनभर की हलचल के बाद उनकी मुलाकात कई वीवीआईपी से तय की गई. नेपाल के पूर्व पीएम प्रचंड की इच्छा है कि उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी हो लेकिन अब तक यह मुलाकात तय नहीं हो पाई है. राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात के अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं. बता दें कि नेपाल भारत का सबसे नजदीकी पड़ोसी है. 

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नेपाल के पूर्व दो बार के प्रधानमंत्री रह चुके दहल एक प्रभावशाली कम्युनिस्ट नेता हैं. दहल का भारत में राजनीतिक नेताओं के साथ घनिष्ठ और व्यक्तिगत संबंध है. इसलिए इस दौरे का काफी महत्व हो जाता है. 

 

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