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नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलने पर सियासत शुरू, BJP बोली- कांग्रेस 'मोदियाबिंद' का शिकार

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने पर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. वहीं, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पीएम मोदी के विरोध में अंधी हो गई है और 'मोदियाबिंद' से पीड़ित हो गई है.

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नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल दिया गया है
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल दिया गया है

दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने के बाद राजनीति गर्मा गई है. कांग्रेस-बीजेपी एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं. नाम बदले जाने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है. वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी "अपने ही नेताओं का अपमान करने से भी नहीं हिचकिचाती". बीजेपी ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह पीएम मोदी के विरोध में अंधी हो गई है और 'मोदियाबिंद' से पीड़ित हो गई है.

केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है. 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी एक वैश्विक स्तर पर बौद्धिक और पुस्तकों और अभिलेखागार का खजाना है. अब इसे प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम कहा जाएगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी भारत के वास्तुकार के नाम और विरासत को विकृत, तिरस्कृत और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे. 

इसका पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस आरोप लगा रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में कांग्रेस अपने ही नेताओं का अपमान करने से भी नहीं हिचकिचाती. वे मोदी के विरोध में 'मोदियाबिंद' के शिकार हैं, इस कारण अपने नेताओं और दूसरों के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं.

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बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मैं जानबूझकर उनके ही प्रधानमंत्रियों का नाम ले रहा हूं. मैं समझ सकता हूं कि नरसिम्हा राव के प्रति उनमें कुछ कड़वाहट थी या नहीं. लेकिन, मैं जानना चाहता हूं कि उन्हें इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, लाल बहादुर शास्त्री और मनमोहन सिंह की उपलब्धियों से क्या समस्या है, जिनके प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल को संगठित तरीके से प्रदर्शित किया गया है.

त्रिवेदी ने कांग्रेस को याद दिलाया कि कैसे मोदी सरकार ने केंद्र में सत्ता में आने के बाद 2014 में जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती मनाई थी. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस की प्रतिक्रिया से हैरान हूं और थोड़ा परेशान भी हूं. उन्होंने पूछा, कितने कांग्रेस नेता नेहरू स्मारक देखने गए हैं? उन्होंने कहा कि तीन मूर्ति भवन में भारत के पहले प्रधानमंत्री का स्मारक बहुत अच्छी स्थिति में नहीं था. यह धूल खा रहा था... नेहरू जी के स्मारक के हिस्से को बेहतर तरीके से पुनर्गठित किया गया है और यह उन्नत तकनीक के उपयोग के साथ उनके योगदान और उपलब्धियों को दर्शाता है.

शशि थरूर बोले- हम अतीत को अतीत में क्यों नहीं छोड़ सकते

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय मूल नाम है, लेकिन अब आप इसे सभी प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय में बदल रहे हैं. उन्होंने कहा कि आप अभी भी नेहरू मेमोरियल नाम रख सकते हैं, क्योंकि वह पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री थे. हम अतीत को अतीत में क्यों नहीं छोड़ सकते. और जो हुआ है उसे स्वीकार करते हुए आगे बढ़ सकते हैं. 

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