प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरनेशनल भारती फेस्टिवल को संबोधित किया. पीएम मोदी ने सुब्रमण्यम भारती की 138वीं जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें (सुब्रमण्यम भारती) को किसी एक पेशे से नहीं जोड़ा जा सकता है. वह एक कवि, लेखक, संपादक, पत्रकार, समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, मानवतावादी और भी बहुत कुछ थे. उनके काम, कविताओं, दर्शन और उनके जीवन पर काम किया जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि महाकवि भरथियार की प्रगति की परिभाषा में महिलाओं की केंद्रीय भूमिका थी. सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी उनकी नजर में महिलाओं की स्वतंत्रता थी. उन्होंने लिखा है कि महिलाओं को अपने दिमाग के साथ चलना चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय भारत महोत्सव के अवसर पर पीएम ने कहा कि हम इस दृष्टि से प्रेरित हैं और हम महिलाओं के नेतृत्व वाले सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं. हमारी सरकार के काम के हर क्षेत्र में महिलाओं की गरिमा को महत्व दिया गया है.
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पीएम ने कहा कि स्थायी कमीशन के साथ महिलाएं हमारे सशस्त्र बलों का हिस्सा बन रही हैं. वो अपने सिर को ऊंचा रखते हुए चल रही हैं और हमें इस विश्वास के साथ चल रहे हैं कि देश सुरक्षित हाथों में है. बता दें कि भारती पुरस्कार की स्थापना 1994 में की गई थी. हर वर्ष यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है.