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स्टार्ट-अप फाउंडर्स की आलोचना पर पीयूष गोयल ने दी सफाई, कांग्रेस पर लगाए झूठ फैलाने के आरोप

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपने बयान पर सफाई दी है. स्टार्ट-अप महाकुंभ में उनके एक बयान को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई है. उन्होंने सफाई देते हुए कांग्रेस पर उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया है.

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पीयूष गोयल
पीयूष गोयल

स्टार्ट-अप इंडिया और स्किल इंडिया जैसे अभियानों के बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का एक बयान काफी वायरल है, जिसपर अब उन्होंने सफाई दी है. उनका कहना है कि उनके बयान को कांग्रेस तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है. बीते दिनों वह स्टार्ट-अप महाकुंभ में बोल रहे थे, जब उन्होंने फूड डिलीवरी स्टार्ट-अप्स की आलोचना की थी, जिसकी सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हुई.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी सफाई में कहा, "संयोग से मैंने पूरे इकोसिस्टम का बहुत गहन विश्लेषण किया, जिसने मेरी टिप्पणी को गलत तरीके से समझने की कोशिश की और आप मेरे निष्कर्षों से आश्चर्यचकित होंगे." 

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पीयूष गोयल ने कांग्रेस पर लगाए आरोप

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कांग्रेस पार्टी ने अपने विभिन्न हैंडल से मेरी टिप्पणियों और हमारे युवा स्टार्टअप को बड़ी आकांक्षाओं की तलाश करने के लिए प्रेरित करने के मेरी कोशिशों को पूरी तरह से मैनिपुलेट कर दिया."

पीयूष गोयल ने कहा, "हमारे युवा पुरुष और महिलाएं एक बेहतर जीवन की तलाश में हैं और विश्व स्तर की उपलब्धियां हासिल करना चाहते हैं. कांग्रेस पार्टी के पास एक इकोसिस्टम है. उन्होंने एक झूठी और मनगढ़ंत कहानी बनाने की कोशिश की. वे नियमित अपराधी हैं. मैं इसके बारे में चिंतित नहीं हूं."

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स्टार्ट-अप फाउंडर की केंद्रीय मंत्री ने की थी आलोचना!

पीयूष गोयल ने स्टार्ट-अप महाकुंभ में कहा था, "क्या हमें आइसक्रीम या चिप्स बनाना है? दुकानदारी ही करना है." उनका कहना था, "आज भारत के स्टार्टअप क्या हैं? हम फूड डिलीवरी ऐप पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, बेरोजगार युवाओं को सस्ते श्रम में बदल रहे हैं ताकि अमीर लोग अपने घर से बाहर जाए बिना अपना खाना हासिल कर सकें."

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केंद्रीय मंत्री का कहना था कि नए स्टार्ट-अप को देश को भविष्य के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, "मुझे दुख होता है जब मुझे पता चलता है कि 25 लाख या 50 लाख रुपये में एक युवा स्टार्ट-अप का शानदार आइडिया किसी विदेशी कंपनी को बेच दिया गया."

हालांकि, उनके बयानों की स्टार्ट-अप फाउंडर ने कड़ी आलोचना की और कई सवाल भी खड़े किए, जिसमें फंडिंग ना मिलने, सरकारी मदद की कमी, और इनोवेशन रिसोर्सेज की कमी पर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की.

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