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'राजनीतिक पार्टियों में भी लागू हो POSH', SC पहुंची याचिका, कोर्ट ने किया सुनवाई से इनकार

याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है. जहां तक कानूनी राहत के विकल्प की बात है तो आप केरल हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं जिसमें कहा गया था कि राजनीतिक दल पॉश एक्ट के दायरे में नहीं आते हैं.

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याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है. (File Photo: ITG)
याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है. (File Photo: ITG)

राजनीतिक दलों में भी महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए कानून (पॉश एक्ट) के पालन करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिका खारिज करने या वापस लेने की बात कही तो याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली.

याचिका में क्या मांग की गई?

यह याचिका वकील योगमाया एम.जी. ने दायर की थी. इस याचिका में कहा गया था कि राजनीतिक पार्टियां भी इस कानून के दायरे में आती हैं, इसलिए उन्हें इसके तहत सभी नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए. 

याचिका में मांग की गई थी कि राजनीतिक दलों को भी इस तरह की शिकायतों को लेकर कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न निवारण कमेटी का गठन करना चाहिए. राजनीतिक दलों में काम करने वाली महिलाओं को सुरक्षित और समावेशी माहौल देना जरूरी है.

'यह मामला संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है'

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है. जहां तक कानूनी राहत के विकल्प की बात है तो आप केरल हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं जिसमें कहा गया था कि राजनीतिक दल पॉश एक्ट के दायरे में नहीं आते हैं.

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