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हिमाचल एक्सप्रेस ट्रेन में कुरुक्षेत्र, पानीपत के बीच गिरोह बनाकर डकैती का आरोप, यात्री ने बताई खौफनाक कहानी

हिमाचल एक्सप्रेस के एसी फर्स्ट क्लास कोच में सफर कर रहे एक यात्री ने गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है. यात्री का आरोप है कि कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत के बीच एक संगठित गिरोह नियमित रूप से यात्रियों को लूटता है.

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(Photo: Representational)
(Photo: Representational)

हिमाचल एक्सप्रेस के एसी फर्स्ट क्लास कोच में सफर कर रहे एक यात्री ने गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है. यात्री का आरोप है कि कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत के बीच एक संगठित गिरोह नियमित रूप से यात्रियों को लूटता है. यह एफआईआर ग्रेटर नोएडा निवासी सचिन जैन ने दर्ज कराई है, जो 1 अगस्त 2025 की रात ट्रेन से दिल्ली आ रहे थे.

चोरी के वक़्त कहां थे RPF जवान
एफआईआर के अनुसार, 1-2 अगस्त की रात करीब 2:30 बजे जब यात्री सो रहे थे, उसी दौरान कुछ लोग ट्रेन में घुस आए और कई यात्रियों के कीमती सामान लूट लिए. इस घटना के समय न तो ट्रेन टिकट परीक्षक (टीटीई) मौजूद था और न ही रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) का कोई जवान.

जैन ने आरोप लगाया कि उनके साथ-साथ दर्जनभर से ज्यादा यात्रियों को निशाना बनाया गया. उन्होंने बताया कि उनका ब्राउन लैपटॉप बैग जिसमें लैपटॉप, चार्जर, महत्वपूर्ण बिजनेस डाटा, ₹2.19 लाख नकद, ₹14,000 की कीमत का चश्मा, पेनड्राइव और पावर बैंक रखा था, सब लूट लिया गया.

25 लाख की लूट
एफआईआर में यह भी दर्ज है कि एक महिला यात्री के बैग से कीमती गहने चोरी किए गए, जबकि अन्य यात्रियों के मोबाइल फोन और निजी सामान भी ले गए. कुल मिलाकर इस लूट की कीमत लगभग 20 से 25 लाख रुपये आंकी गई है.

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रेलवे की भूमिका संदिग्ध?
जैन ने बताया कि ट्रेन के पेंट्री स्टाफ ने उन्हें बताया कि इस रूट पर ऐसी घटनाएं अक्सर होती हैं. यह कोई सामान्य चोरी नहीं बल्कि सुनियोजित गिरोहबंदी है, जिसमें रेलवे की लापरवाही और संदिग्ध भूमिका भी सामने आती है.

"रेलमदद" से नहीं मिली कोई मदद
उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे की शिकायत निवारण सेवा "रेलमदद" ने उनकी शिकायत को बिना किसी पीड़ित से संपर्क किए बंद कर दिया और केवल नजदीकी प्लेटफॉर्म पर शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया.

जैन ने एफआईआर में यह भी कहा कि रेलवे और पुलिस स्टाफ की मिलीभगत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने इस पूरे मामले की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच की मांग की है ताकि यात्री सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

इस मामले पर जब दिल्ली रेल मंडल से संपर्क किया गया तो उन्होंने किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी. घटना के बाद यात्रियों में आक्रोश और डर दोनों देखने को मिल रहा है. लोग अब इस रूट पर यात्रा करने से पहले सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.

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