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इजरायल अटैक में पाकिस्तान ने ढूंढा 'मौका', Two state थ्योरी की वकालत की, हमास के साथ खड़े हुए ये देश

इजरायल पर हमास के हमले के बाद फिलिस्तीन और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ गया है. दोनों तरफ से रॉकेट दागे जा रहे हैं. इस बीच पाकिस्तान ने मिडिल ईस्ट में शुरू हुई इस संघर्ष के स्थायी समाधान के लिए टू स्टेट थ्योरी दी है. वहीं कई खाड़ी देशों ने भी खुलकर हमास के हमलों को समर्थन किया है.

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इजरायली टैंक पर कब्जे के बाद जश्न मनाते हमास के लड़ाके
इजरायली टैंक पर कब्जे के बाद जश्न मनाते हमास के लड़ाके

हमास के हमले के बाद इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शुरू हुई जंग में पाकिस्तान ने अपने लिए मौका तलाश लिया है और वो टू स्टेट थोरी की वकालत कर रहा है. पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने मिडिल ईस्ट में बढ़ती हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की है, और "फिलिस्तीन की समस्या" को विश्व द्वारा संबोधित करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है. वहीं कतर और कुवैत ने इसके लिए इजरायल को ही दोषी ठहराया है.

पाकिस्तान ने टू स्टेट की रखी दलील

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने कहा है कि हम पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. इस घटना की वजह से जो जानें जा रही है उसे लेकर हम चिंतित हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आगे इस मामले को 'टू स्टेट' थ्योरी से जोड़ते हुए कहा कि पाकिस्तान मध्य पूर्व में स्थायी शांति के लिए हमेशा से टू स्टेट समाधान की पैरवी करता रहा है.

पाकिस्तान ने कहा कि फिलीस्तीन के सवाल को न्यायपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए तभी इस क्षेत्र में शांति बन सकेगी. पाकिस्तान के अनुसार फिलीस्तीन की समस्या को अंतरराष्ट्रीय नियमों, संयुक्त राष्ट्र के प्रावधानों और आर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक काउंसिल के प्रावधानों के मुताबिक सुलझाने की जरूरत है. 

पाकिस्तान ने एकतरफा बयान जारी करते हुए एक ऐसे संप्रभु फिलीस्तीन की स्थापना की जानी चाहिए जिसकी सीमाएं 1967 की स्थिति से पहले जैसी हो और जिसकी राजधानी अल कुद्स अल शरीफ हो.

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इजरायल की नीतियां टाइम बम: अरब लीग

वहीं अरब लीग के प्रमुख अहमद अबुल घीत ने इजरायल के गाजा में सैन्य अभियान और दोनों पक्षों के बीच सशस्त्र टकराव को रोकने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा, 'इज़राइल की हिंसक और चरमपंथी नीतियों का निरंतर कार्यान्वयन एक टाइम बम है जो इस क्षेत्र को निकट भविष्य में स्थिरता के अवसर से वंचित कर रहा है.'

ईरान ने हमास के हमले का किया समर्थन

वहीं कुवैत ने इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच के घटनाक्रम पर अपनी "गंभीर चिंता" व्यक्त की, और "ज़बरदस्त हमले" के लिए इज़रायल को दोषी ठहराया. वहीं ईरान ने हमास और  फिलिस्तीनी लड़ाकों का समर्थन किया है. ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के एक सलाहकार ने शनिवार को फिलिस्तीनी लड़ाकों को बधाई दी. याह्या रहीम सफ़वी के हवाले से कहा गया है कि, "फ़िलिस्तीन और येरुशलम की आज़ादी तक हम फ़िलिस्तीनी लड़ाकों के साथ खड़े रहेंगे."

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यमन हमास के साथ हुआ खड़ा, बताया गौरव और रक्षा की लड़ाई

वहीं यमन की राजधानी सना पर नियंत्रण रखने वाले हूथी विद्रोहियों ने कहा कि वे "वीर जिहादी ऑपरेशन" का समर्थन करते हैं. SABA समाचार एजेंसी की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में, समूह ने कहा कि हमले से इज़रायल की "कमजोरी, और नपुंसकता का पता चलता है". यमन ने ऑपरेशन को "सम्मान, गौरव और रक्षा की लड़ाई" बताया है.

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फिलिस्तीन के पक्ष में कतर

कतर के विदेश मंत्रालय ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जंग पर कहा कि फिलिस्तीनी लोगों के साथ बढ़ती हिंसा के लिए अकेले इजरायल जिम्मेदार है, उसने दोनों पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया है.

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कब्जे की प्रतिक्रिया में हमास का एक्शन: लेबनान

वहीं इजरायल के कट्टर दुश्मन, लेबनानी समूह हेज़बुल्लाह ने कहा कि वह "फिलिस्तीनी प्रतिरोध के नेतृत्व के साथ सीधे संपर्क में था" और उसने हमास के हमलों को इज़रायल के निरंतर कब्जे की प्रतिक्रिया के रूप में किया गया एक्शन बताया है.

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