भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकी नीतियों को बेनकाब करने की तैयारी कर ली है. सूत्रों के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान की टेरर फंडिंग को लेकर ठोस और पक्के सबूत जुटा लिए हैं, जिन्हें फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की आगामी बैठक में डॉजियर के रूप में पेश किया जाएगा.
भारत का कहना है कि पाकिस्तान किस तरह आतंकी संगठनों को फंड दे रहा है, इसके ठोस सबूत अब उसके पास हैं. भारत का उद्देश्य है कि पाकिस्तान को दोबारा FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए, ताकि उस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाया जा सके.
रक्षा खर्च के नाम पर टेरर फंडिंग का आरोप
भारत की ओर से तैयार किए गए आंकड़ों में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने कुल बजट का 18 प्रतिशत हिस्सा रक्षा मामलों और सेवाओं पर खर्च करता है. यह अनुपात संघर्षरत देशों के औसत से कहीं अधिक है, जहां आमतौर पर यह खर्च 10 से 14 प्रतिशत के बीच होता है.
आईएमएफ की मदद का दुरुपयोग
सबसे गंभीर आरोप यह है कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिली आर्थिक सहायता का दुरुपयोग किया है. भारत के मुताबिक, 1980 से 2023 के बीच जिन वर्षों में पाकिस्तान को IMF से आर्थिक मदद मिली, उन वर्षों में हथियारों के आयात में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई.
बढ़ता कर्ज, बढ़ता खतरा
भारत ने मैक्रोइकोनॉमिक आंकड़ों के आधार पर यह भी दिखाया है कि पाकिस्तान का कर्ज लगातार बढ़ रहा है. साथ ही, रक्षा खर्च में बढ़ोतरी यह दिखाती है कि पाकिस्तान कर राजस्व से नहीं बल्कि उधार लेकर हथियार और आतंकियों को फंड कर रहा है.