असम में विपक्षी पार्टी एआईयूडीएफ (AIUDF) के विधायक अमीनुल इस्लाम को गुरुवार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी. मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि एक वीडियो सामने आया है, जिसमें अमीनुल इस्लाम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान का बचाव करते नजर आ रहे हैं. इस हमले में मंगलवार को 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने वह वीडियो देखा है जिसमें विधायक पाकिस्तान और इस हमले में उसकी भूमिका का समर्थन कर रहे हैं. मैंने पुलिस को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. राज्य के डीजीपी ने मुझे सूचित किया है कि अमीनुल इस्लाम को गिरफ्तार कर लिया गया है.'
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि विधायक को कोर्ट में पेश किया जाएगा और इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और एकता से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह कोई भी व्यक्ति क्यों न हो.
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इस गिरफ्तारी को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. एआईयूडीएफ की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी इस मामले में सफाई दे सकती है.
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गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. ऐसे में किसी जनप्रतिनिधि द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में बयान देना गंभीर मामला माना जा रहा है. सरकार इस पूरे मामले में सख्त रुख अपनाए हुए है.
इस बीच, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले 26 पर्यटकों की मौत के बाद अब केंद्र सरकार एक्शन मोड में है. इस बीच सरकार ने आज दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने शिरकत की.
विपक्ष ने उठाए सवाल
बैठक में इस क्रूर आतंकी हमले की सर्वसम्मति से निंदा की गई. विपक्षी दलों ने कहा कि हम सरकार द्वारा उठाए जाने वाले हर कदम का समर्थन करेंगे. ऑल पार्टी मीटिंग में विपक्षी दलों ने कड़े सवाल उठाए और कहा, 'इंटेलिजेंस एजेंसियां कहां थीं?', CRPF और सुरक्षा बल कहां थे?' ज्यादातर राजनीतिक दलों ने इंटेलिजेंस चूक और वहां पर प्रॉपर सुरक्षा डेप्लॉयमेंट की बात उठाई. राहुल गांधी ने भी पूछा कि उपर जहां घटना हुई वहां सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे?
इस पर सरकार का कहना था कि आमतौर पर इस रूट को जून के महीने में खोला जाता है जब अमरनाथ यात्रा शुरू होती है क्योंकि अमरनाथ यात्रा के यात्री इस जगह पर रेस्ट करते हैं. इस बार लोकल टूर ऑपरेटर्स ने सरकार को बिना जानकारी दिए हुए वहां पर टूरिस्ट की बुकिंग लेनी शुरू कर दी और 20 अप्रैल से वहां पर टूरिस्ट को ले जाना शुरू कर दिया. जिसकी जानकारी लोकल अथॉरिटीज को नहीं थी इस वजह से वहां पर डेप्लॉयमेंट नहीं किया गया .क्योंकि इस जगह पर अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से पहले डेप्लॉयमेंट हर साल जून के महीने में होता है.