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पहलगाम हमले से कश्मीर का सबसे बड़ा पर्यटन सीजन तबाह, तीन दशकों में सबसे कम पर्यटक पहुंचे

पहलगाम आतंकी हमले ने न स‍िर्फ देश के द‍िल में घाव दिया है बल्क‍ि इससे कश्मीर के पर्यटन को भी बहुत करारी चोट पहुंची है. पर्यटन में ग‍िरावट को देखते हुए होटल मालिकों ने स्थानीय लोगों के लिए कम किराए की पेशकश की है जो घाटी में अभूतपूर्व गर्मी की लहर के कारण पहलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग जैसे गंतव्यों की ओर बढ़ रहे हैं. इससे कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र को उम्मीद की किरण दिख रही है. 

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 कश्मीर घाटी (Instagram Photo)
कश्मीर घाटी (Instagram Photo)

साल 2024 में 35 लाख से 2025 की पहली छमाही में 6 लाख पर्यटक कश्मीर पहुंचे. ये आंंकड़ा बताता है कि पहलगाम हमले ने कैसे कश्मीर के पिछले तीन दशकों के सबसे बड़े पर्यटन सीजन को तबाह कर दिया.

बता दें कि 22 अप्रैल तक 5 लाख पर्यटक पहले ही कश्मीर आ चुके थे लेकिन उसी दिन बाइसरन में हुए भयानक आतंकी हमले ने पर्यटन की उम्मीदों को तहस-नहस कर दिया. इसके कारण लगभग 100 प्रतिशत कैंसिलेशन हो गए. इन दिनों पर्यटन उद्योग स्थानीय सरकार के सहयोग से पर्यटकों को वापस लुभाने की बेताब कोशिश कर रहा है. इसके लिए पूरे भारत से ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन को आमंत्रित करने से लेकर इमेज बिल्डिंग अभियानों तक भारत सरकार भी अपनी भूमिका निभा रही है. 

ऐसा ही एक कदम था श्रीनगर में आयोजित वार्षिक पर्यटन सचिवों का सम्मेलन. ये राष्ट्रीय स्तर की मीटिंग पहले तो पहलगाम में आयोजित करने की योजना थी ताकि संकल्प की मजबूत संदेश भेजा जा सके, लेकिन अमरनाथ यात्रा के कारण इसे श्रीनगर के डल झील के किनारे स्थित कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया. पर्यटन क्षेत्र के लिए समय पर मददगार हाथ स्थानीय पर्यटकों का रुझान साबित हुआ है. 

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जम्मू-कश्मीर सरकार की पर्यटन सच‍िव यशा मुद्गल और ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के प्रधान फारूक कथू  ने भी इस पर अपना बयान दिया है. पूरी रिपोर्ट देखें. 

होटल मालिकों ने स्थानीय लोगों के लिए कम किराए की पेशकश की है जो घाटी में अभूतपूर्व गर्मी की लहर के कारण पहलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग जैसे गंतव्यों की ओर बढ़ रहे हैं. इससे कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र को उम्मीद की किरण दिख रही है. 
 

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