ओडिशा की एक 100 साल की महिला डॉक्टर ने जिंदादिली दिखाते हुए अपनी पूरी ज़िंदगी की बचत यानी ₹3.4 करोड़, AIIMS भुवनेश्वर को दान करने का फैसला किया है. यह योगदान 5 दिसंबर को उनके 100वें जन्मदिन पर औपचारिक रूप से दिया जाएगा.
डोनर, डॉ. लक्ष्मी बाई बरहमपुर की एक मशहूर गायनेकोलॉजिस्ट थीं, जिनका जन्म 5 दिसंबर, 1926 को हुआ था. वे मरीज़ों की देखभाल के लिए अपने बेमिसाल समर्पण के लिए मशहूर हैं.
उन्होंने दक्षिणी ओडिशा में महिलाओं और परिवारों की सेवा में दशकों बिताए. कई लोग उन्हें एक ऐसी अग्रणी डॉक्टर के रूप में याद करते हैं, जिनकी सहानुभूति उनकी मेडिकल विशेषज्ञता जितनी ही उल्लेखनीय थी.
कैंसर मरीजों के काम आएगा पैसा...
मेडिकल सेक्टर में एक अग्रणी, डॉ. बाई कटक के SCB मेडिकल कॉलेज के छात्रों के पहले बैच से थीं. यह एक ऐसे संस्थान के तौर पर जाना जाता है, जिसने मेडिकल पेशेवरों की पीढ़ियों को आकार दिया. अपनी बढ़ती उम्र के बावजूद, सार्वजनिक सेवा के प्रति उनका समर्पण बेमिसाल है.
जानकारी के मुताबिक, डोनेशन ट्रांसफर के लिए ज़रूरी सभी डॉक्यूमेंटेशन पहले ही पूरे कर लिए गए हैं. डॉ. बाई ने साफ़ तौर से ख्वाहिश जताई है कि इस पैसे का इस्तेमाल सिर्फ़ AIIMS भुवनेश्वर में महिला कैंसर मरीज़ों के इलाज के लिए किया जाना चाहिए.
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जब राज्य अपने सबसे दयालु मेडिकल आइकॉन में से एक को सम्मानित करने की तैयारी कर रहा है, तो डॉ. लक्ष्मी बाई का यह कदम इस बात की एक शानदार याद दिलाता है कि कैसे दयालुता का एक छोटा सा काम अनगिनत लोगों के लिए परोपकार का रास्ता दिखा सकता है.
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