केरल सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह छात्रा पुलिस कैडेट्स की वर्दी के हिस्से के रूप में हिजाब और पूरी बाजू पहनने की अनुमति नहीं दे सकती है. इस परियोजना में राज्य के विभिन्न स्कूलों के हाई स्कूल की छात्राओं को शामिल किया गया है. आठवीं कक्षा की एक छात्रा द्वारा शुरू में उच्च न्यायालय में इससे जुड़ी याचिका दायर की गई थी. इसके बाद मामला सरकार के पास भेज दिया गया था.
इसपर सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि वर्दी में धार्मिक प्रतीकों को जोड़ना अनुचित होगा. यह गलत संदेश देगा और इसी तरह की मांग अन्य ऐसी इकाइयों पर उठेगी जो कि धर्मनिरपेक्ष होनी चाहिए.
सरकार ने कहा कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एनसीसी और स्काउट्स एंड गाइड्स के पास भी वर्दी है जिसका छात्रों की धार्मिक पृष्ठभूमि से कोई संबंध नहीं है. छात्र पुलिस परियोजना के पीछे का विचार ही एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण करना था जो राष्ट्र को पृष्ठभूमि के सभी अंतरों से ऊपर रखे.
छात्र पुलिस कैडेटों के राज्य नोडल अधिकारी भी धार्मिक प्रतीकों को अनुमति देने के पक्ष में नहीं थे और उन्होंने मांग को नकारते हुए इस तरह की अनुमति के नकारात्मक पहलू गिना दिए. एक सरकारी अधिकारी ने रिपोर्ट में बताया कि कैडेट्स के लिए पिछले दस वर्षों में ऐसी कोई मांग नहीं बढ़ी है.
याचिकाकर्ता जीएचएसएस, कुट्टियाडी की आठवीं कक्षा की छात्रा रिजा नाहन हैं, जिसने तर्क दिया है कि देश के संविधान द्वारा गारंटीकृत पोशाक (हिजाब और पूरी आस्तीन) पहनना उनका मौलिक अधिकार है.
इनपुट- रिक्सन