कर्नाटक के उड्डपी में हिजाब विवाद (Hijab controversy) थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मसले पर कर्नाटक सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी गठित कर दी है. इस कमेटी में शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल हैं, जो कॉलेज यूनिफॉर्म के लिए गाइडलाइंस बनाएंगे. सरकार ने कहा है कि नई गाइडलाइंस बनने तक सभी स्टूडेंट्स को यूनिफॉर्म के लिए बने पुराने नियमों का पालन करना चाहिए.
वहीं, नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (NHRC) ने हिजाब मामले में उडुपी जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. NHRC ने एक व्यक्ति की निजी शिकायत पर नोटिस जारी किया है.
उड्डपी के कॉलेज में क्यों चल रही Hijab controversy
कर्नाटक के उडुपी के कॉलेज में हिजाब (Hijab) पहनने को लेकर 1 जनवरी से विवाद चल रहा है. यहां 6 मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने की वजह से क्लास (Class) में जाने से रोक दिया गया था. कॉलेज प्रबंधन ने कहा था कि यह स्कूल की नीतियों के खिलाफ है. छात्राओं ने इस बात को लेकर नाराजगी करते हुए कॉलेज के बाहर धरना दिया था. मुद्दे को सुलझाने के लिए बैठक भी की गई थी, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला था.
कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने भेदभाव का आरोप लगाया
इस मुद्दे पर कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के स्टेट कमेटी सदस्य मसूद मन्ना ने भी विरोध जताया था. मसूद ने कहा था कि लड़कियां अपने संवैधानिक अधिकार का पालन कर रही हैं. कॉलेज में धार्मिक भेदभाव हो रहा है. लड़कियां सिर पर स्कार्फ डालकर क्लास में नहीं जा सकतीं. कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने प्रिंसिपल पर असभ्य व्यवहार करने का आरोप भी लगाया था.
विधायक ने कहा था- जहां हिजाब की परमिशन हो, वहां एडमिशन ले लें
विवाद सामने आने के बाद कॉलेज विकास समिति के अध्यक्ष विधायक रघुपति भट ने कहा था कि इस मुद्दे को कुछ लोगों ने हवा दी है. इसका कोई औचित्य नहीं है. ड्रेस के रूप में शुरू से ही हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है. हिजाब कॉलेज की ड्रेस नहीं है.
रघुपति भट ने कहा था कि इस संबंध में सरकार को पत्र लिखा है और जवाब का इंतजार कर रहे हैं. विधायक ने कहा था कि जो छात्राएं प्रदर्शन कर रही हैं, वे कॉलेज से जा सकती हैं. उन्हें एक ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) दे दी जाएगी. जहां उन्हें हिजाब ड्रेस पहनने की अनुमति हो, वहां दाखिला ले सकती हैं. हमारी नीति स्पष्ट है. क्लास में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती.