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'मैं केवल कार्यकर्ता, पीएम पद के लिए न आकांक्षा है न विवाद...', नितिन गडकरी ने कई सवालों के दिए खुलकर जवाब

नितिन गडकरी ने कहा कि 'मुझे दुख होता है कि कुछ लोग मीडिया में हम दोनों (मेरे औ पीएम मोदी) के बीच में झगड़ा लगे ऐसी बात कहते रहते हैं. मैं बीजेपी का कार्यकर्ता हूं संघ का स्वयंसेवक हूं. हमने पार्टी कार्यालय में लिखा है. नेशन फर्स्ट, फिर पार्टी और उसके बाद मैं. हमारे बीच कभी कोई विवाद रहा ही नहीं.'

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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी। (फाइल फोटो)
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी। (फाइल फोटो)

केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यू में कहा कि, वह अपने काम के प्रति बेहद सजग हैं और इसमें कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं करते हैं. क्या पीएम मोदी VS नितिन गडकरी जैसी चर्चाओं में कोई दम है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि,  मैं बीजेपी का कार्यकर्ता हूं संघ का स्वयंसेवक हूं और कार्यकर्ता केवल कार्यकर्ता होता है. मेरे मन में पीएम बनने के लिए कोई आकांक्षा नहीं है. 

क्या प्रमोद महाजन से था विरोध?
हमारे सहयोगी लल्लनटॉप ने साक्षात्कार के दौरान केंद्रीय मंत्री से दिवंगत बीजेपी नेता प्रमोद महाजन से टकराव और विरोध के बाबत सवाल किया. असल में ऐसा कई खबरों में पहले कहा गया है कि प्रमोद महाजन ने नितिन गडकरी से कहा था, कि वह उन्हें मंत्री नहीं बनने देंगे. इस सवाल के जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि, 'प्रमोद महाजन का मुझसे कोई विरोध रहा होगा, ऐसा कहना तो उनके साथ बहुत अन्याय होगा. पहला जो मंत्रिमंडल बना, उसमें मैं नहीं था. कई सारे लोगों की अपेक्षाएं थीं कि मैं मंत्रिमंडल में शामिल रहूंगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दूसरे बार में मैं मंत्री बना तो उनकी अनुमति से ही बना. उनके नेतृत्व में मुझे काम करने का मौका मिला और उन्होंने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया. विरोध जैसा कुछ नहीं रहा.'

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कैसे उठी विवाद की बातें?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, 'पत्रकारों में अलग-अलग प्रकार की चर्चाएं होती हैं. अलग-अलग प्रकार अनुमान निकालने का अधिकार भी होता है. मैं पार्टी का युवा मोर्चा का अध्यक्ष तब मुंडे जी हमारे पार्टी के अध्यक्ष बने, उनके नेकृत्व में मैंने काम किया. जनरल सेक्रेटरी बना, विपक्ष का नेता बना. मंत्री बना. मैं ये मानता हूं कि कुछ लोगों को लग रहा था कि मुझे पहले ही ये सब बनाना चाहिए था, इसलिए कुछ लोगों ने ये सब दुर्भाग्यवश लिखा. ऐसा कोई विरोध नहीं था. जब मैं अध्यक्ष बना तो मैंने दो ही लोगों के पैर छुए, मुंडे जी के और आडवाणी जी के, क्योंकि वे मुझसे सीनियर थे. उन्होंने ये नारायण राणे के लिए भी कहा कि, मैं केंद्रीय मंत्री हूं, लेकिन वो मेरे सीनियर रहे हैं तो मैं उन्हें नेता मानता हूं. '

पीएम मोदी vs कौन? सवाल पर क्या बोले गडकरी
क्या पीएम मोदी VS गडकरी ऐसी किसी टर्म का कोई अस्तित्व है, इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, 'मुझे दुख होता है कि कुछ लोग मीडिया में हम दोनों के बीच में झगड़ा लगे ऐसी बात लगाते रहते हैं. मैं बीजेपी का कार्यकर्ता हूं संघ का स्वयंसेवक हूं. हमने पार्टी कार्यालय में लिखा है. नेशन फर्स्ट, फिर पार्टी और उसके बाद मैं. मैं इसी विचारधारा में भरोसा रखता हूं. आज पीएम मोदी हमारे नेता हैं, उनके नेतृत्व में देश चौतरफा विकास कर रहा है. न पीएम के लिए कोई सवाल, न कोई झगड़ा है, न कोई विवाद है, न हमने कोई क्लेम किया है. ये सिर्फ खाली बैठे लोगों का ऐनालिसिस है. सीएम, पूर्व सीएम बनता है. मंत्री, पूर्व मंत्री बनता है. विधायक, पूर्व विधायक बनता है, लेकिन कार्यकर्ता हमेशा कार्यकर्ता रहता है, वह कभी पूर्व नहीं रहता है. न मेरे मन में कोई सपना है कि पीएम बनूं, न ऐसी आकांक्षा है और न ऐसा कोई क्लेम किया है. मैं तो काम करना चाहता हूं, काम करता रहूंगा.'
 

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