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'मणिपुर हिंसा में पुलिस अफसरों की मिलीभगत?' सुप्रीम कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

मणिपुर में हिंसा के पीछे पुलिस अफसरों की भूमिका भी जांच के दायरे में आ गई है. मणिपुर हिंसा की जांच पर सुप्रीम कोर्ट का लिखित आदेश सामने आया है. कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पुलिस अफसरों की मिलीभगत के आरोप सामने आए हैं. इसलिए मामले में महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी दत्तात्रेय पटसालगिकर को जांच कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं.

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सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. (फाइल फोटो)

मणिपुर में तीन महीने से जातीय हिंसा थमी नहीं है. मैतेई और कुकी समुदाय के आमने-सामने भिड़ने से सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चिंतित है. हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कई नई जानकारियां सामने आई हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक मणिपुर में हिंसा के अपराधियों के साथ पुलिस की मिलीभगत के भी आरोप लगाए गए हैं. SC ने इन आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी दत्तात्रेय पडसलगीकर को उन आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि कुछ पुलिस अधिकारियों की मणिपुर में संघर्ष के दौरान हिंसा और यौन उत्पीड़न के अपराधियों के साथ मिलीभगत रही और गंभीर अपराधों को शह दी गई थी.

'राज्य सरकार को जांच में मदद करने का आदेश'

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को इस जांच को पूरा करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने का आदेश दिया है. महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक दत्तात्रेय पडसलगीकर को जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को दिए जाने का आदेश भी दिया गया है.

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मणिपुर में 3 मई को पहली बार हुई थी हिंसा 

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- मणिपुर में 3 मई को सबसे पहले जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी. मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया था. तब पहली बार मणिपुर में जातीय झड़पें हुईं. 
- हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए. मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. कुकी और नागा समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत से ज्यादा है. ये लोग पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

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मणिपुर में विवाद के क्या कारण 

- कुकी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला है, लेकिन मैतेई अनूसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहे हैं. 
- नागा और कुकी का साफ मानना है कि सारी विकास की मलाई मूल निवासी मैतेई ले लेते हैं. कुकी ज्यादातर म्यांमार से आए हैं. 
- मणिपुर के चीफ मिनिस्टर ने मौजूदा हालात के लिए म्यांमार से घुसपैठ और अवैध हथियारों को ही जिम्मेदार ठहराया है. करीब 200 सालों से कुकी को स्टेट का संरक्षण मिला. कई इतिहासकारों का मानना है कि अंग्रेज नागाओं के खिलाफ कुकी को लाए थे. 
- नागा अंग्रेजों पर हमले करते तो उसका बचाव यही कुकी करते थे. बाद में अधिकतर ने इसाई धर्म स्वीकार कर लिया जिसका फायदा मिला और एसटी स्टेटस भी मिला.

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