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सीपी राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ, समारोह में जगदीप धनखड़ भी रहे मौजूद

एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए. उन्होंने इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को हराया. राधाकृष्णन को 452 और रेड्डी को 300 वोट मिले. चुनाव में क्रॉस-वोटिंग से विपक्षी खेमे की दरार साफ दिखी.

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उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद सीपी राधाकृण्णन ने राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया (Photo: Screengrab)
उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद सीपी राधाकृण्णन ने राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया (Photo: Screengrab)

एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ लिया. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी इंडिया ब्लॉक के कैंडिडेट और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को आसानी से हरा दिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से गहरी जड़ें रखने वाले तमिलनाडु के सीनियर बीजेपी नेता राधाकृष्णन (67) ने 452 वोट हासिल करके उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीता. उनके प्रतिद्वंद्वी, विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले.

#WATCH | C.P. Radhakrishnan takes oath as the 15th Vice President of India. President Droupadi Murmu administers the Oath of Office to him.

(Video Source: DD) pic.twitter.com/I91ezMHd2w

बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के संख्यात्मक बल को देखते हुए, राधाकृष्णन के जीत की उम्मीद चुनाव से पहले ही की जा रही थी. एनडीए के पास कागज़ पर 427 सांसद थे और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 11 सांसदों और कई छोटे दलों का अतिरिक्त समर्थन प्राप्त था, जिससे वह 377 के आधे से भी ज्यादा बहुमत के आंकड़े को आसानी से पार कर गया. एनडीए के पक्ष में क्रॉस-वोटिंग के संकेत भी मिले.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा देने की वजह से यह चुनाव जरूरी हो गया था.

यह भी पढ़ें: उपराष्ट्रपति पद पर क्यों मिलती है 'Zero' सैलरी, बंगले से लेकर गाड़ी तक मिलती हैं ये सुविधाएं

उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में जीत के बाद राधाकृष्णन ने गुरुवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति मुर्मू ने नई नियुक्ति होने तक गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.

कोयंबटूर से दो बार सांसद और तमिलनाडु बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष राधाकृष्णन का दशकों लंबा करियर जनसंघ से शुरू हुआ और फिर बीजेपी में शामिल हो गए.

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