आंध्र प्रदेश के तिरुपति में राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में फर्स्ट ईयर बी.एड दलित छात्रा ने दो सहायक प्रोफेसरों, लक्ष्मण कुमार और शेखर रेड्डी पर यौन उत्पीड़न और गर्भवती करने का आरोप लगाया है. इस घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर में गहरा आक्रोश फैल गया है और छात्र संगठनों ने आरोपी प्रोफेसरों के तत्काल निलंबन, सख्त कानूनी कार्रवाई और विश्वविद्यालय परिसर में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त
विश्वविद्यालय के इन-चार्ज रजिस्टार की शिकायत पर तिरुपति वेस्ट पुलिस ने मामला दर्ज किया और आरोपी प्रोफेसरों लक्ष्मण कुमार और शेखर रेड्डी को गिरफ्तार किया. जांच में आरोपियों के दो मोबाइल फोन जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं, ताकि उत्पीड़न, ब्लैकमेल और दबाव के दावों की पुष्टि हो सके.
तस्वीरें खींची, वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया
YSRCP सांसद मडिला गुरुमूर्ति ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW), केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर मामले में तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है. 7 दिसंबर, 2025 के पत्र में सांसद ने कहा कि पीड़िता ने विश्वविद्यालय अधिकारियों को कई लिखित शिकायतें दी थीं. सांसद ने आरोप लगाया कि डॉ. लक्ष्मण कुमार ने छात्रा को पर्सनल तस्वीरों और वीडियो के जरिए ब्लैकमेल किया, उनके दुरुपयोग की धमकी दी, मानसिक उत्पीड़न किया और छात्रा को अपनी पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर किया.
गुरुमूर्ति ने मांग की कि इस मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध जांच हो, जिसमें पीड़िता की सुरक्षा और गरिमा सर्वोच्च प्राथमिकता हो. उन्होंने पीड़िता के लिए काउंसलिंग, सुरक्षा और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की भी मांग की.
सांसद ने कहा, “आरोपियों का व्यवहार अधिकार के घातक दुरुपयोग को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने अपने संकाय सदस्य के पद का दुरुपयोग कर अनावश्यक दबाव और दीर्घकालिक मानसिक चोट पहुंचाई.” उन्होंने जोर देकर कहा कि विश्वविद्यालय सीखने के लिए सुरक्षित स्थान होने चाहिए, न कि भय के केंद्र.