मैसूर गैंगरेप मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सभी आरोपी तमिलनाडु के रहने वाले हैं और मजदूरी करते हैं. ये सभी अक्सर यहां घूमने आते थे. बताया जा रहा है कि पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी नाबालिग है. वारदात 24 अगस्त को 7 से 8 बजे रात के बीच हुई थी.
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने पैसे के लिए पीड़िता और उसके दोस्त को पीटा और बाद में रेप की वारदात को अंजाम दिया. इन्हेंं हिरासत में लेने की जानकारी राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को दी थी. अब इनकी गिरफ्तारी हो चुकी है.
इधर, मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पुलिस ने मैसूर गैंगरेप मामले को गंभीरता से लिया. जांच के लिए 5 टीमों का गठन किया गया है. आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं. बता दें कि 24 अगस्त को मैसूर में चामुंडी हिल के पास पांच लोगों ने एक मेडिकल छात्रा से कथित रूप से गैंगरैप किया था. घटना के वक्त छात्रा के साथ मौजूद उसके एक दोस्त को भी आरोपियों ने पीटा था.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिखा पत्र
इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए कर्नाटक के डीजीपी को पत्र लिखा था. वहीं, हादसे के बाद मैसूर यूनिवर्सिटी ने एहतियात के तौर पर शाम 6 बजे के बाद लोगों के कुकरहल्ली झील परिसर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब ये फैसला वापस ले लिया गया है.
पूर्व सीएम ने दिया ये सुझाव
इस घटना के बाद से विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर है. शुक्रवार को Mysuru gang rape पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने तेलंगाना में करीब दो साल पहले पुलिस कार्रवाई की तर्ज पर रेपिस्टों के साथ सलूक करने का सुझाव दिया, जिसमें आरोपियों को पुलिस ने गोली मार दी थी.
गृहमंत्री के बयान पर बवाल
गृहमंत्री पीड़िता पर देर शाम खुलेआम घूमने जाने पर भी सवाल उठा दिए थे. भाजपा नेता ने कहा, उसे वहां नहीं जाना चाहिए था. वह सुनसान जगह है. वह देर शाम वहां गई थी. पीड़ित महिला को देर शाम 7.30 बजे सुनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए था. लेकिन, लोग किसी भी समय कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं. उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने इस्तीफे की मांग की थी.