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ना पाइपलाइन, ना पैसा... मुंबई की 100 साल पुरानी बेकर‍ियाें को ग्रीन फ्यूल पर शिफ्टि‍ंग का प्रेशर, आ रहीं ये द‍िक्कतें

मुंबई की 120 साल पुरानी कायनी बेकरी के पार्टनर फारुख शौकरी परेशान हैं. उनका कहना है कि दक्षिण मुंबई में गैस पाइपलाइन ही नहीं है. इलेक्ट्रिक ओवन बेहद महंगे हैं. अगर हमें एलपीजी सिलेंडरों पर निर्भर होना पड़ा तो कितने सिलेंडर स्टोर करेंगे? ऊपर से बिल्डिंग में दो से ज्यादा सिलेंडर रखने के लिए मकान मालिक और BMC की अनुमति चाहिए.

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कोर्ट के आदेश के बाद बेकर्स बोले-वक्त और पैसे की कमी (Photo Credit: aajtak.in)
कोर्ट के आदेश के बाद बेकर्स बोले-वक्त और पैसे की कमी (Photo Credit: aajtak.in)

मुंबई की मशहूर पुरानी बेकरीज इन दिनों बड़ी मुश्किल में हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि लकड़ी और कोयले से चलने वाले ओवन अब नहीं चलेंगे. सभी बेकरीज को क्लीन एनर्जी यानी गैस, बिजली या दूसरे ग्रीन फ्यूल पर शिफ्ट करना ही होगा. कोर्ट ने बेकर्स को कोई और एक्सटेंशन देने से मना कर दिया है और साफ कहा है कि पब्लिक हेल्थ बिज़नेस से ऊपर है.

बेकर्स की दिक्कत: ना पाइपलाइन, ना पैसा, कैसे करें बदलाव?

मुंबई की 120 साल पुरानी कायनी बेकरी के पार्टनर फारुख शौकरी परेशान हैं. उनका कहना है कि दक्षिण मुंबई में गैस पाइपलाइन ही नहीं है. इलेक्ट्रिक ओवन बेहद महंगे हैं. अगर हमें एलपीजी सिलेंडरों पर निर्भर होना पड़ा तो कितने सिलेंडर स्टोर करेंगे? ऊपर से बिल्डिंग में दो से ज्यादा सिलेंडर रखने के लिए मकान मालिक और BMC की अनुमति चाहिए. हमें डर है कि कहीं बिजनेस बंद न हो जाए.

यजदानी बेकरी के मालिक पेरजोन जेंड भी यही सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि हमें कोई दिक्कत नहीं है ग्रीन फ्यूल अपनाने में, लेकिन वक्त चाहिए. हमें भट्टी और चिमनी तोड़नी होगी, फ्लोरिंग बदलनी होगी. लगभग 10 लाख रुपये का खर्चा है. इतने दिनों तक दुकान बंद करने पर क्या होगा? बेकर्स का कहना है कि लकड़ी से चलने वाली भट्टी सस्ती पड़ती है. जेंड कहते हैं कि एक ट्रक लकड़ी हमें 6,500 रुपये में मिलती है और 10 दिन चलती है. जबकि 19 किलो का एक एलपीजी सिलेंडर सिर्फ 1-2 दिन चलता है. लागत दोगुनी से ज्यादा हो जाएगी और इसका असर ब्रेड के दाम पर पड़ेगा.

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फोटो: aajtak.in

क्या है कोर्ट का कड़ा आदेश

हाई कोर्ट ने कहा कि दिक्कतें हो सकती हैं, लेकिन लोगों की सेहत को नुकसान, बिजनेस के नुकसान से कहीं बड़ा है. कोर्ट ने ये भी कहा कि बेरोजगारी या बिजनेस प्रॉब्लम के तर्क से पब्लिक हेल्थ से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता.

फोटो: aajtak.in

अभी तक कितनी बेकरी बदलीं?

मुंबई में फिलहाल 573 बेकरी चालू हैं.
इनमें से 187 पहले ही ग्रीन फ्यूल पर शिफ्ट हो चुकी हैं.
74 बेकरी अभी ट्रांजिशन की प्रक्रिया में हैं.
बाकी बेकरीज को जल्द ही बदलाव करना होगा, वरना कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

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