ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ और डीएमआईसी आईआईटीजीएनएल की प्रबंध निदेशक रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब की समीक्षा की. रितु माहेश्वरी ने दोनों परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की प्रेजेंटेशन को देखा. दोनों परियोजनाओं की डीपीआर और बिड डॉक्यूमेंट में कुछ संशोधन के सुझाव दिए. इन सुझाव पर अमल करते हुए दोनों परियोजनाओं की डीपीआर और बिड डॉक्यूमेंट शीघ्र फाइनल कराने के निर्देश दिए हैं.
क्या है मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब
बता दें, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब परियोजना के अंतर्गत रेलवे, बस अड्डा व मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी. बोड़ाकी के पास ही ग्रेटर नोएडा रेलवे टर्मिनल बनाया जाएगा. यहां से पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें चलेंगी. इससे दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर ट्रेनों का दबाव कम होगा. ट्रांसपोर्ट हब के तहत ही अंतर्राज्यीय बस अड्डा भी बनेगा. मौजूदा नोएडा-ग्रेनो मेट्रो रूट का विस्तार भी मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक होना है. ट्रांसपोर्ट हब से लोकल बसें भी चलाई जाएंगी.
क्या है यह प्रोजेक्ट
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस, ऑफिस, होटल-रेस्टोरेंट आदि बनाए जाएंगे. बैठक के दौरान ग्रेटर नोएडा की एसीईओ प्रेरणा शर्मा समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे. बता दें, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, भारत सरकार के सहयोग से बोड़ाकी के आसपास 7 गांवों की 478 हेक्टेयर जमीन पर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब बनाने की तैयारी कर रही है. इस दौरान यहां रेलवे टर्मिनल, अंतरराज्यीय व लोकल बस अड्डा और मेट्रो कनेक्टिविटी की सुविधा विकसित की जाएगी.