देशभर में कल होने वाली मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने एक महत्वपूर्ण वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में मॉक ड्रिल के दौरान अपनाए जाने वाले तरीकों और सुरक्षा मानकों की विस्तार से जानकारी दी गई है.
वीडियो का उद्देश्य आम नागरिकों, स्कूलों, कार्यालयों और संस्थानों को मॉक ड्रिल की प्रक्रिया से अवगत कराना है, ताकि आपात स्थिति में उनकी प्रतिक्रिया प्रभावी और संयमित हो सके. NDMA ने लोगों से अपील की है कि वे मॉक ड्रिल के वक्त सभी दिशा-निर्देशों का सूझबूझ से पालन करें.
जालंधर कैंट क्षेत्र में हुई मॉक ड्रिल
पंजाब के जालंधर कैंट क्षेत्र में सोमवार शाम एक असामान्य हलचल देखने को मिली, जब पूरा इलाका अचानक अंधेरे में डूब गया. यह कोई तकनीकी खराबी नहीं बल्कि आगामी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की तैयारी का हिस्सा था. 7 मई को प्रस्तावित इस मॉक ड्रिल से पहले प्रशासन ने इलाके में 'ब्लैकआउट' करवा कर तैयारियों की गंभीरता को परखा.
बता दें कि भारत सरकार की ओर से 7 मई को पूरे देश में एक व्यापक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश के सभी 244 जिलों को शामिल किया गया है. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य युद्ध, मिसाइल हमलों या हवाई बमबारी जैसी आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए आम नागरिकों और सरकारी तंत्र की तैयारियों की जांच करना है.
क्या होता है सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल?
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक ऐसा अभ्यास होता है जिसमें वास्तविक परिस्थितियों की तरह ही हवाई हमले के सायरन बजाए जाते हैं, शहरों को ब्लैकआउट किया जाता है, नागरिकों को सुरक्षित आश्रयों में ले जाया जाता है और इमरजेंसी टीमें अपनी भूमिका निभाती हैं. इसका मकसद नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना और आपदा के समय घबराहट, भ्रम और नुकसान को कम करना होता है.