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'50 भारतीय रूसी सेना में काम नहीं करना चाहते', वतन वापसी पर विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, 'हम लगभग 50 ऐसे भारतीय नागरिकों के बारे में जानते हैं जो वर्तमान में रूसी सेना में अपनी नौकरी को छोड़ना चाहते हैं.' प्रवक्ता ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'ये ऐसे मामले हैं जहां व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्यों ने जल्द वापसी सुनिश्चित करने में मदद के लिए हमसे संपर्क किया है.'

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(प्रतीकात्मक तस्वीर/रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक तस्वीर/रॉयटर्स)

भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत और रूस रूसी सेना में भर्ती भारतीयों की जल्द वापसी सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं. पिछले हफ्ते अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने यह मुद्दा उठाया था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, 'हम लगभग 50 ऐसे भारतीय नागरिकों के बारे में जानते हैं जो वर्तमान में रूसी सेना में अपनी नौकरी को छोड़ना चाहते हैं.' प्रवक्ता ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'ये ऐसे मामले हैं जहां व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्यों ने जल्द वापसी सुनिश्चित करने में मदद के लिए हमसे संपर्क किया है.'

'भारतीयों की वापसी के लिए साथ काम कर रहे दोनों पक्ष'

जयसवाल ने बताया कि इस मामले को नेतृत्व स्तर सहित विभिन्न स्तरों पर रूस के साथ उठाया गया है. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने अपनी हालिया रूस यात्रा के दौरान इस मामले को उठाया था. रूसी पक्ष ने हमारे अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी. दोनों पक्ष भारतीय नागरिकों की जल्द वापसी के लिए काम कर रहे हैं.'

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भारत ने की थी नागरिकों की भर्ती पर रोक की मांग

पिछले महीने, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि रूसी सेना में सेवारत भारतीय नागरिकों का मुद्दा 'बेहद चिंताजनक' विषय है और इस पर मॉस्को से कार्रवाई की मांग की थी. 11 जून को, भारत ने कहा कि रूसी सेना द्वारा भर्ती किए गए दो भारतीय नागरिक हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए, जिससे इस तरह की मौतों की संख्या चार हो गई है.

दो भारतीयों की मौत के बाद, विदेश मंत्रालय ने रूसी सेना द्वारा भारतीय नागरिकों की आगे की भर्ती पर 'रोक' की मांग की थी. भारत ने एक बयान में कहा, 'रूसी सेना द्वारा भारतीय नागरिकों की किसी भी आगे की भर्ती पर सत्यापित रोक लगाई जाए और ऐसी गतिविधियां हमारी साझेदारी के अनुरूप नहीं होंगी.'

यूक्रेन के साथ लड़ते हुए भारतीयों की मौत

मार्च में, 30 साल के हैदराबाद निवासी मोहम्मद असफान की रूस की तरफ से यूक्रेन के साथ सीमा पर लड़ते समय गंभीर चोटों के कारण मृत्यु हो गई थी. फरवरी में, गुजरात के सूरत के रहने वाले 23 साल के हेमल अश्विनभाई मंगुआ की डोनेट्स्क क्षेत्र में 'सिक्योरिटी हेल्पर' के रूप में काम करते समय यूक्रेनी एयर स्ट्राइक में मौत हो गई थी.

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