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मणिपुर में नहीं थम रहा बवाल, सुरक्षाकर्मियों पर फायरिंग, एक जवान शहीद

मणिपुर के काकचिंग जिले के एक स्कूल में कुकी समुदाय से जुड़े संदिग्ध विद्रोहियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग करनी शुरू कर दी, जिसमें बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया जबकि दो जवान घायल हो गए.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

मणिपुर के काकचिंग जिले के सेरौ में संदिग्ध कुकी विद्रोहियों के साथ मुठभेड़ में सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) का एक जवान शहीद हो गया जबकि असम राइफल्स के दो जवान घायल हो गए.

काकचिंग जिले के सेरौ के एक स्कूल में दोनों पक्षों की ओर से गोलीबारी हुई थी. बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि कुकी समुदाय के संदिग्ध विद्रोहियों ने सेरौ प्रैक्टिकल हाईस्कूल में तैनात बीएसएफ के जवानों पर अंधाधुध फायरिंग की थी. 

उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के दौरान कॉन्स्टेबल रंजीत यादव को गोली लगी और उन्हें काकचिंग के जीवन अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. असम राइफल्स के दो घायल जवानों को हवाई मार्ग से मंत्रीपुखरी ले जाया गया. तलाशी अभियान फिलहाल जारी है. 

भारतीय सेना के दीमापुर स्थित स्पीयर कोर्प्स मुख्यालय ने ट्वीट कर बताया कि असम राइफल्स के दो घायल जवानों को हवाईमार्ग से मंत्रिपुखरी ले जाया गया है और तलाश अभियान जारी है.

यह भी बताया गया कि मणिपुर के सेरौ के कई इलाकों में असम राइफल्स, बीएसएफ और पुलिस की ओर से चलाए गए व्यापक अभियान के दौरान पांच-छह जून की दरम्यानी रात सुरक्षाबलों और विद्रोहियों के बीच गोलीबारी हुई. सुरक्षाबलों ने गोलीबारी का माकूल जवाब दिया. 

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पुलिस का कहना है कि इम्फाल पश्चिम जिले में संदिग्ध कुकी आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच भी गोलीबारी हुई लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. इससे पहले गुस्साए ग्रामीणों ने रविवार रात को काकचिंग जिले के सुग्नू में एक शिविर में आग लगा दी. इस शिविर में यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के आतंकी सरकार के साथ शांति समझौता होने के बाद रह रहे थे. हालांकि, जिस समय आग लगाई गई, उस समय वहां कोई नहीं था.  

दरअसल काकचिंग जिले में शनिवार आधीरात को कांग्रेस विधायक के. रंजीत के आवास सहित 100 घर जलाए जाने के बाद ग्रामीणों में गुस्सा था. इस बीच मणिपुर सरकार ने राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर 10 जून तक बैन बढ़ा दिया.

कमिश्नर (गृह) ज्ञान प्रकाश ने कहा कि ब्रॉडबैंड सहित मोबाइल डेटा सेवाओं पर रोक 10 जून शाम तीन बजे तक के लिए रोक बढ़ा दी. यह बैन तीन मई को उस समय लगाया गया था जब मणिपुर में हुई जातीय हिंसा में 98 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 310 लोग घायल हुए थे.

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