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बांग्लादेशी शरणार्थियों के विवाद पर ममता बनर्जी का केंद्र को जवाब, 'मुझे मत सिखाओ'

ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण के विरोध में हुई हिंसक झड़पों के बाद संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत बांग्लादेशी शरणार्थियों को आश्रय देने की अपने कमिटमेंट के बारे में बात की थी. उनकी यह टिप्पणी कोलकाता में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान आई, जहां उन्होंने हिंसा से प्रभावित लोगों की मदद करने की इच्छा व्यक्त की.

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ममता बनर्जी- फाइल फोटो
ममता बनर्जी- फाइल फोटो

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसाग्रस्त बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को शरण देने के बारे में अपनी टिप्पणी पर आपत्ति जताने के लिए विदेश मंत्रालय (एमईए) पर पलटवार किया. बनर्जी ने कहा, 'मैं संघीय ढांचे को बहुत अच्छी तरह से जानती हूं. मैं सात बार सांसद रही हूं, मैं दो बार केंद्रीय मंत्री रही हूं. मैं विदेश मंत्रालय की नीति को किसी और से बेहतर जानती हूं. उन्हें मुझे नहीं सिखाना चाहिए, इसके बजाय उन्हें सिस्टम से सीखना चाहिए.'

ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण के विरोध में हुई हिंसक झड़पों के बाद संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत बांग्लादेशी शरणार्थियों को आश्रय देने की अपने कमिटमेंट के बारे में बात की थी. उनकी यह टिप्पणी कोलकाता में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान आई, जहां उन्होंने हिंसा से प्रभावित लोगों की मदद करने की इच्छा व्यक्त की.

तृणमूल कांग्रेस की 'शहीद दिवस' रैली में उन्होंने कहा, अगर असहाय लोग बंगाल के दरवाजे खटखटाते हैं, तो हम निश्चित रूप से उन्हें आश्रय देंगे.' बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने बनर्जी की टिप्पणी पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. राजनयिक चैनलों के माध्यम से बात करते हुए कहा गया कि ममता की टिप्पणी भ्रम पैदा कर सकती है और जनता को गुमराह कर सकती है. 

विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि उसे ममता बनर्जी की टिप्पणी पर ढाका से लिखित आपत्ति मिली है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि विदेशी संबंधों से जुड़े मामले केंद्र सरकार का विशेषाधिकार हैं.

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