तृणमूल कांग्रेस की फायर ब्रांड नेता महुआ मोइत्रा गुरुवार को लोकसभा में अपनी पूरी रौ में नजर आईं. महुआ मोइत्रा ने संसद में सरकार को सावरकर से लेकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर घेरा और पेगासस के मसले पर कठघरे में खड़ा किया. लोकसभा में बोलते समय महुआ मोइत्रा गुस्से में नजर आईं तो इस दौरान उन्हें आसन की ओर से टोका भी गया. उस वक्त आसन पर आसीन रमा देवी ने कह दिया कि महुआजी, प्यार से बोलिए.
आसन की ओर से टोके जाने पर महुआ मोइत्रा भड़क गईं. महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर इसपर कहा है कि मेरे कीमती समय में बाधा डालने वाला चेयर कौन होता है, मैं गुस्से से बोलूं या प्यार से? मेरी टोन तय करना आपका काम नहीं है. आप मुझे केवल नियमों पर ही करेक्ट कर सकते हैं. आप लोकसभा के लिए मोरल साइंस के टीचर नहीं हो. महुआ ने अपने लिए आवंटित 13 मिनट की निर्धारित अवधि से पहले ही संबोधन रोके जाने का भी आरोप लगाया.
And who is Chair to interrupt me (taking up MY valuable time) to lecture me on whether I should speak with gussa or pyar?
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) February 3, 2022
None of of your business Madam. You can only correct me on rules. You are NOT the moral science teacher for LS.
इससे पहले, संसद में महुआ मोइत्रा ने सरकार पर हमला बोला. सरकार पर विपक्ष के नेताओं की आवाज दबाने का आरोप लगाया और साथ ही पेगासस के मसले पर भी घेरा. महुआ ने कहा कि दुनियाभर की वो सभी सरकारें झूठी हैं जो पेगासस मसले की जांच करा रही हैं. केवल ये सरकार ही सच्ची है जो आइसोलेशन में पड़ी है. उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि सरकार इतिहास को फिल्टर करने की कोशिश कर रही है.
टीएमसी सांसद महुआ ने कहा कि सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी के रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए उनकी ओर से लिखे गए माफीनामे को पॉलिटिकल मास्टर स्ट्रोक की तरह दिखाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण में स्वतंत्रता सेनानियों के जिक्र को लेकर भी तंज किया और कहा कि नेताजी और अन्य महापुरुषों के नाम केवल कहने के लिए ही लिए गए.
टीएमसी सांसद ने कहा कि ये जिन स्वतंत्रता सेनाननियों की बात कर रहे हैं, वे सभी धर्मनिरपेक्षता के समर्थक थे. महुआ मोइत्रा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ये सरकार वर्मान पर भरोसा नहीं करती और भविष्य से डरती है. इससे पहले सरकार की ओर से राजीव प्रताप रुडी ने संसद में सरकार के कार्यों का उल्लेख किया. बीजेपी की ओर से संसद में कहा गया कि सरकार दूर-दराज के गांवों में रहने वाले लोगों के विकास को संकल्पित है.