पिछले सप्ताह प्रयागराज शहर और वहां जाने वाले कई राजमार्गों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जब श्रद्धालु महाकुंभ में संगम में पवित्र स्नान करने पहुंचे. इंडिया टुडे को अमेरिकी टेक्नोलॉजी फर्म मैक्सर से मिली सैटेलाइट तस्वीरों में जबरदस्त ट्रैफिक जाम की भयावह स्थिति नजर आई है.

6 फरवरी को ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में प्रयागराज की कई सड़कों पर गाड़ियों और बसों की लंबी कतारें देखी गईं. हजारों लोग अपने वाहनों में फंसे रहे, क्योंकि शहर और राष्ट्रीय राजमार्गों पर जाम कई किलोमीटर तक फैला रहा. रिपोर्टों के अनुसार, कई लोगों को पीने का पानी और अन्य जरूरी सुविधाएं मिलने में परेशानी हुई.

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 8 फरवरी, शनिवार को प्रयागराज में 1.22 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया, जबकि अगले दिन 1.47 करोड़ लोग संगम पहुंचे. हालांकि, 10 फरवरी, सोमवार से स्थिति में सुधार देखने को मिला, जब 99.8 लाख लोग महाकुंभ पहुंचे. यह अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जा रहा है.

महाकुंभ के पुलिस डीआईजी वैभव कृष्ण ने इस अचानक बढ़ी भीड़ का कारण बताते हुए कहा कि आम जनता में यह धारणा थी कि तीन अमृत स्नान के बाद भीड़ कम हो जाएगी, जिससे बड़ी संख्या में लोग एक साथ संगम पहुंचने लगे. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने कहा कि सप्ताहांत पर अचानक भीड़ बढ़ने से राज्य सरकार की तैयारियों की कड़ी परीक्षा हुई.
योगी सरकार ने कहा था कि पूरे महाकुंभ के दौरान 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, महाकुंभ के पहले महीने में ही यह संख्या 44 करोड़ के पार पहुंच चुकी है (11 फरवरी तक).

सैटेलाइट तस्वीरों से यह भी पता चला है कि 29 जनवरी को हुई भगदड़ वाले दिन कुंभ क्षेत्र के संगम नोज पर जो क्लियरिंग बनाई गई थी, उसे अब हटा दिया गया है. कई लोगों ने अखाड़ों के सदस्यों के लिए बनाए गए इस विशेष मार्ग को भगदड़ का कारण बताया था, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी.