केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक नया खुलासा किया है. ईडी को जांच में पता चला है कि हवाला कारोबारी और महादेव ऐप का मास्टरमाइंड हरीशंकर टिबरेवाल ने विदेशी निवेश के ज़रिए कई छोटी कंपिनयों में पैसे लगाए हैं.
पहले तो हरीशंकर ने इन कंपनियों को शेयरों की क़ीमत जानबूझकर बढ़ाई और फिर जब कीमतें बहुत ऊपर चल गई, तो उन शेयरों हरीशंकर और उसके साथियों ने बेचकर बहुत पैसे कमाए. इन लोगों ने लगभग दो से तीन गुना मुनाफा कमाया.
Nasdaq कंपनी की खरीदारी भी शक के घेरे में
सूत्रों के अनुसार, हरीशंकर और विकास गर्ग नाम के एक कारोबारी के बीच गहरा संबंध है. दोनों एक दूसरे के पक्के दोस्त हैं. विकास की कंपनी 'एराया लाइफस्पेसेस' ने 2024 में अमेरिका की Nasdaq पर लिस्टेड कंपनी Ebix Inc को खरीदा था. इस डील को लेकर अब ईडी को शक है. ईडी अब इस बात की जांच कर रही है इस कंपनी को खरीदने के लिए विकास ने इतने धन कहां से लाए.
एजेंसी को एराया लाइफस्पेसेस के शेयर दामों में अचानक तेज़ बढ़ोतरी पर भी शक है. इसी वजह से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को इसकी जांच के लिए कहा गया है.
विकास गर्ग की कई कंपनियां जांच के घेरे में
ईडी ने प्रैल 16 को विकास गर्ग की कई कंपनियों और दफ्तरों पर छापे मारे थे. इन कंपनियों में विकास लाइफकेयर लिमिटेड, विकास इकोटेक लिमिटेड, अद्विका फिनवेस्ट और अद्विका कैपिटल लिमिटेड सबसे ऊपर हैं, जो जांच के दायरे में हैं.
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ईडी की अब तक की कार्रवाई
अब तक ईडी देशभर में करीब 170 छापे मार चुकी है. इस मामले में 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की गई है। इनमें नकदी, प्रॉपर्टी, शेयर्स और डिमैट अकाउंट शामिल हैं.
या है महादेव बेटिंग शट्टा ऐप केस?
हाल ही में भारत में महादेव बेटिंग शट्टा ऐप केस ने काफी सुर्खियां बटोरी हैं. यह मामला ऑनलाइन जुआ और शर्तों के अवैध कारोबार से जुड़ा एक विवाद है, जिसने कानून व्यवस्था और तकनीकी अपराधों की जांच एजेंसियों को सक्रिय कर दिया है. इस केस की प्राथमिकता ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण लगाने की है, जो युवाओं को अवैध तरीके से लुभाते हैं और आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं.
महादेव बेटिंग शट्टा ऐप एक डिजिटल प्लेटफॉर्म था जहां लोग क्रिकेट मैचों, अन्य खेलों और विभिन्न घटनाओं पर जुआ या शर्तें लगाते थे. इस ऐप के जरिए बड़ी संख्या में यूजर्स आमदनी की लालच में शामिल थे, लेकिन यह भी एक अवैध गतिविधि थी क्योंकि भारत में जुआ और शर्त लगाने के कई क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कानूनों के तहत प्रतिबंधित है.