एडवोकेट रजनी खत्री ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में हाल ही में सामने आए आरोपों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आजतक से खास बातचीत में कहा, 'बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में कई आरोप लगाए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें कही जा रही हैं, जो कुछ भी हो रहा है, उसकी जांच चल रही है. यह जरूरी है कि इस मामले की सही तरीके से जांच की जाए.'
'सिर्फ ऑडियो वायरल हुआ है'
एडवोकेट ने अनुज थापन के मामले का उल्लेख करते हुए कहा, 'ये सब कनेक्ट करना आरोप है. मैं मुख्यमंत्री से सवाल करूंगी कि बाबा सिद्दीकी की हत्या की जांच तो फास्ट ट्रैक कोर्ट करेगा, लेकिन अनुज थापन की अब तक रिपोर्ट नहीं आई. यह आश्चर्यजनक है कि इतने गंभीर मामले में जांच की गति इतनी धीमी है.'
खत्री ने जेल में फोन के संबंध में भी बात की और कहा, 'सिर्फ ऑडियो वायरल हुआ है, लेकिन आज तक कोई फोन बरामद नहीं हुआ. यह सवाल उठाता है कि क्या वास्तव में कोई सबूत मौजूद हैं या यह सभी बातें केवल आरोपों और अफवाहों पर आधारित है.'
'धमकी मिलती है तो लॉरेंस का नाम आ जाता है'
दिल्ली में हाल ही में हुई फायरिंग की घटना पर खत्री ने कहा, 'आजकल यदि किसी को धमकी मिलती है, तो लॉरेंस का नाम सामने आता है. जब जांच होती है, तो सारा सच सामने आ जाता है. यह जरूरी है कि हम तथ्यों को समझें और किसी के नाम पर आरोप लगाते समय सतर्क रहें.'
इसी तरह आतंकवादियों से संबंधों के आरोपों पर खत्री ने स्पष्ट किया, 'ये सब एजेंसियों के द्वारा लगाए गए आरोप हैं, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं है. बहुत सारे लोग अपने दोस्तों के नाम के साथ लॉरेंस का नाम ले लेते हैं. यह एक सामान्य प्रवृत्ति है जो हमें ध्यान में रखनी चाहिए.'
'मैं अपने क्लाइंट का बचाव करूंगी'
खत्री ने अपनी भूमिका के बारे में बताया, 'मैं डिफेंस काउंसिल हूं और मैं अपने क्लाइंट का बचाव करूंगी. एफआईआर बहुत सारी हैं, लेकिन सिद्ध कुछ नहीं हुआ. हमें इस मामले में तथ्य और सच्चाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.'
एडवोकेट रजनी खत्री का यह बयान कई गंभीर सवालों को उठाता है, जिसमें जांच की प्रक्रिया, सबूतों की स्थिति और आरोपों की सत्यता शामिल हैं. उन्होंने कहा कि, 'यह मामला केवल आरोपों तक सीमित नहीं रह जाना चाहिए, बल्कि इसे सही तरीके से और त्वरित गति से जांचा जाना चाहिए.'