ढह चुके घरों का मलबा, जमीन पर बड़ी-बड़ी दरारें, कीचड़ से सने गड्ढे और बारिश से तबाह हो चुकी बस्तियों के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते सेना और NDRF के जवान... ये मंजर इन दिनों केरल के वायनाड जिले का है. यहां चेलियार नदी के कैचमेंट में बसे 4 खूबसूरत गांव चूरलमाला, अट्टामाला, नूलपुझा और मुंडकई लैंडस्लाइड के बाद तबाह हो चुके हैं.
वायनाड में आई इस तबाही में अब तक 256 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 170 लोग अब भी लापता हैं. इनमें से मुंडकई गांव तो पूरी तरह से घोस्ट विलेज में तब्दील हो चुका है. हादसा दो दिन पहले (30 जुलाई) हुआ था, लेकिन अब भी मलबे से शवों का निकलना जारी है. 1200 रेस्क्यूअर्स यहां रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं. मिट्टी और चट्टानों की मोटी परत के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन काफी मुश्किलों के साथ चलाया जा रहा है.
लैंडस्लाइड से तबाही का VIDEO
500 में से बचे सिर्फ 34 घर!
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुंडकई में करीब 450-500 घर थे, लेकिन अब इस इलाके में सिर्फ 34 से 49 घर ही बचे हैं. 30 जुलाई को हुई लैंडस्लाइड के बाद पहाड़ों से मिट्टी, पानी और बड़ी-बड़ी चट्टानें बहकर आए और मुंडकई को मलबे में तब्दील कर दिया. इस हादसे में गांव के ज्यादातर घर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. कुछ घर तो पूरी तरह से ढह गए हैं और उनका नामों निशान तक नहीं बचा है.
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पूरा गांव हो चुका है सुनसान
मुंडकई में सेना, नेवी और एयरफोर्स तीनों ही बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं. यहां मलबे के ढेर से एक के बाद एक लाशें निकलने का क्रम जारी है. लोग मलबे से निकलने वाले अपने रिश्तेदारों का शव तलाशने के लिए बेचैन नजर आ रहे हैं. जो लोग रेस्क्यू कर लिए गए हैं, वह भी राहत शिविरों में दिन काट रहे हैं. पूरा गांव सुनसान हो चुका है.
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छुट्टियां मनाने आते हैं टूरिस्ट
बड़े पैमाने पर आई लैंडस्लाइड में तबाह होने से पहले मुंडकई भी आम गावों की तरह ही था. सड़कें और कंक्रीट के कई घरों के अलावा यहां दुकानें और जरूरी सुख-सुविधाओं की ज्यादातर चीजें थीं. यहां से करीब 6.5 किलोमीटर दूर चूरमाना नामक का टूरिस्टों को पसंद आने वाला पर्यटन स्थल भी है, जहां सूचिपारा और वेल्लोलिप्पारा नाम के आकर्षक झरने भी हैं. यहां अक्सर टूरिस्ट छुट्टियां मनाने आते हैं.
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मेप्पडी की पहाड़ी पर है मुंडकई
मुंडकई गांव वायनाड जिले के वैथिरी तालुक में मेप्पडी ग्राम पंचायत में स्थित एक पहाड़ी पर है. मुंडकई मेप्पडी से करीब 15 किमी की दूरी पर है. यह चुरालमाला से करीब 5 किमी दूर स्थित है. सीतामक्कुंड झरना यहीं पर स्थित है. नदी इरुवजानजीपुझा यहां से बहती है.