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भारी बारिश से सिक्किम में कई जगह लैंडस्लाइड से NH-10 जाम, पश्चिम बंगाल से सड़क संपर्क टूटा

भारी बारिश के कारण सिक्किम में कई जगह हुए भूस्खलन की वजह से गंगटोक और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी का सीधा सड़क संपर्क टूट गया है. अधिकारियों के मुताबिक NH 10 पर भूस्खलन के कारण जमा मलबा हटाकर आवागमन शुरू कराने में एक दिन का समय लग सकता है.

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भूस्खलन (प्रतीकात्मक तस्वीर)
भूस्खलन (प्रतीकात्मक तस्वीर)

सिक्किम में भारी बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. रविवार तड़के भारी बारिश के करण सिक्किम में कई जगह भूस्खलन हुए जिससे गंगटोक और पश्चिम बंगाल का सड़क संपर्क टूट गया है. पूर्वी सिक्किम के सिंगताम और रंगपो के बीच दो जगह भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 10 पर मलबा जमा हो गया है और सूबे का पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से सड़क संपर्क टूट गया है.

समाचार एजेंसियों के मुताबिक सिक्किम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पूर्वी सिक्किम में सिंगतम और रंगपो के बीच दो जगह, 19 माइल और 20 माइल में एनएच-10 पर बड़े-बड़े बोल्डर जमा हो गए हैं. सिंगताम से गंगटोक की ओर जाने वाला मार्ग भी 32 माइल में भूस्खलन के कारण ब्लॉक हो गया है.

मलबा साफ करने में लगेगा समय

सिक्किम के अधिकारी के मुताबिक एनच-10 से मलबे को हटाकर यातायात शुरू कराने में एक दिन का समय लग सकता है. सिलीगुड़ी की यात्रा करने वालों को पश्चिम बंगाल की सीमा तक जाने के लिए सेंट्रल पेंडम या पाक्योंग से होकर जाने वाले मार्ग का उपयोग करने की सलाह दी गई है.

उत्तराखंड के चंपावत में भूस्खलन

बता दें कि इधर उत्तराखंड में भी पिछले दो दिन से रुक-रुककर बारिश का सिलसिला जारी है. भारी बारिश के बीच चंपावत में भूस्खलन हुआ है. जिसके बाद टनकपुर-पिथौरागढ़ मार्ग को फिलहाल बंद कर दिया गया है. टनकपुर-पिथौरागढ़ मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लगी है. हालांकि, भूस्खलन की इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

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उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी भी हो चुकी है. इससे निचले इलाकों के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. ताजा मौसम की बात करें तो भूस्खलन के बाद टनकपुर-पिथौरागढ़ मार्ग फिलहाल बंद है. वहीं, चमोली जिले के हेमकुंड साहिब में ताजा बर्फबारी हुई है. हेमकुंड साहिब बर्फ की सफेद चादर से लिपटा हुआ नजर आ रहा है.

IMD के मुताबिक, 12 अक्‍टूबर तक उत्तराखंड में कहीं-कहीं गरज के साथ बिजली चमकने और तेज बारिश होने की भी आशंका है. इसी के चलते सभी स्‍थानीय लोगों और टूरिस्‍टों से सावधान रहने और पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा से बचने के लिए कहा गया है. 

 

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