व्हीलचेयर पर कोर्ट पहुंचे लालू यादव लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू यादव और उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू, राबड़ी और मीसा भारती समेत मामले में सभी 16 आरोपियों को जमानत दे दी है. कोर्ट ने 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर बेल दी. इससे पहले लालू, राबड़ी देवी और मीसा भारती राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब घोटाले में सीबीआई की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए इन सभी को समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन ली गई थी. इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल 18 मई को केस दर्ज किया था.
लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत अन्य सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है. कोर्ट ने 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सभी को जमानत दी है.
लालू परिवार के तीनों सदस्य कोर्ट रूम के अंदर कुर्सी पर मास्क लगाकर बैठे हैं. जज गीतांजलि गोयल अभी कोर्ट रूम में नहीं पहुंची हैं. लालू और राबड़ी एक दूसरे से बातचीत भी करते नजर आए. इस दौरान RJD नेता जयप्रकाश यादव और प्रेमचंद गुप्ता भी मौजूद रहे.
#WATCH | Delhi: Former Bihar CMs Lalu Prasad Yadav-Rabri Devi and their daughter & RJD MP Misa Bharti arrive at Rouse Avenue Court, in connection with land-for-job case. pic.twitter.com/Ypp0RkYV4H
— ANI (@ANI) March 15, 2023
लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती कोर्ट पहुंच गए हैं. थोड़ी देर में सभी की पेशी होगी.
लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में पेशी के लिए लालू यादव कोर्ट के लिए रवाना हो गए हैं. लालू यादव की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी होनी है.
- सीबीआई ने 18 मई 2022 को लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में केस दर्ज किया और जांच शुरू की.
- अक्टूबर में सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
- कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सभी को पेश होने के लिए बुलाया.
- सीबीआई ने 6 मार्च को पटना में राबड़ी देवी से पूछताछ की.
- अगले दिन यानी 7 मार्च को सीबीआई ने दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से पूछताछ की.
- 10 मार्च को ईडी ने दिल्ली, बिहार, यूपी में करीब 15 ठिकानों पर छापेमारी की. ये छापेमारी लालू यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव, उनकी बेटी मीसा, चंदा और हेमा और लालू के रिश्तेदारों के यहां हुई.
- ईडी सूत्रों ने दावा किया कि इन छापेमारी में 53 लाख रुपये कैश, 1,900 अमेरिकी डॉलर, लगभग 540 ग्राम सोना और 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए.
लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, राज कुमार सिंह, मिथलेश कुमार, अजय कुमार, संजय कुमार, धर्मेंद्र कुमार, विजय कुमार, अभिषेक कुमार, रविंद्र राय, किरण देवी, अखिलेश्वर सिंह, रामाशीष सिंह, कमल दीप मनरई (तत्कालीन सीपीओ सेंट्रल रेलवे), सौम्या राघवन (तत्कालीन जीएम सेंट्रल रेलवे) . इन्हीं के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी.
- सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई का दावा है कि रेलवे के मानदंडों, दिशानिर्देशों और प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए उम्मीदवारों की अनियमित और अवैध नियुक्तियां की गईं.
- सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, जिन उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, उनके या उनके परिवार के सदस्यों द्वारा तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को बाजार दर से काफी कम कीमत में जमीन बेची गईं. ये राशि बाजार कीमत से 1/4 या 1/5 थी.
- 2007-08 में जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब महुआबाग, कुंजवा में उनका इरादा उन जमीनों को खरीदने का था, जो पहले से उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली जमीनों के पास थीं.
- ऐसे में लालू यादव अपनी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, मध्य रेलवे के अधिकारी तत्कालीन महाप्रबंधक सौम्या राघवन, तत्कालीन मुख्य कार्मिक अधिकारी कमल दीप मैनराई समेत अन्य आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश में शामिल हुए.
- इन उम्मीदवारों को बाद में नियमित किया गया. रेलवे में नियुक्ति दिलाने के एवज में लालू प्रसाद यादव ने इन उम्मीदवारों और उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली जमीनों को अपनी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के नाम पर काफी कम कीमत में खरीदीं.
लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है. उस वक्त लालू यादव रेल मंत्री थे. दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी. बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे. सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया.