कर्नाटक में मंदिरों और उससे जुड़ी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए विधानसभा में कर्नाटक धार्मिक संरचना (संरक्षण) विधेयक पास किया गया है. मंगलवार को ध्वनिमत से इस बिल को पास किया गया, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया है.
राज्य के नंजदागुद में हाल ही में कुछ संगठनों द्वारा मंदिर को तोड़ा जा रहा था, इसका भारी विरोध हुआ था. कांग्रेस के अलावा भाजपा के भीतर भी इस मसले को लेकर विवाद हुआ था, इसी के बाद राज्य सरकार द्वारा ऐसा बिल लाया गया है.
जिस मंदिर को तोड़े जाने की बात हुई, उसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था. दावा किया गया कि ये मंदिर 120 साल पुराना था.
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा इस मसले पर कहा गया कि जिस मंदिर को अब तोड़ा गया, उसपर तो सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश जुड़ा था. लेकिन इससे पहले भी कई मंदिर तोड़े गए हैं, ऐसे में उनका क्या. सरकार द्वारा सिर्फ दिखाने के लिए इस तरह का बिल लाया गया है.
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी विधानसभा में इस बात को स्वीकारा कि पूर्व में भी राज्य में कुछ मंदिरों को तोड़ा गया है, जबकि कुछ को शिफ्ट किया गया है. ताजा मामले को लेकर सीएम ने साफ किया कि इसको लेकर सरकार ने कोई आदेश नहीं दिया है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हो रहा है.
इस बिल में क्या अहम है?
• राज्य सरकार के पास किसी भी धार्मिक स्थल की संरचना से जुड़े फैसले लेने का अधिकार
• धार्मिक संरचनाओं की सुरक्षा के लिए नियमों को बनाना
• पब्लिक प्लेस पर बनाए गई धार्मिक संरचनाओं की सुरक्षा