पांच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने जा रही है. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि 2025 में जून से अगस्त के बीच यह पवित्र यात्रा आयोजित होगी. तीर्थयात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे और सिक्किम के नाथू ला दर्रे के माध्यम से कराई जाएगी. इच्छुक श्रद्धालु http://kmy.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
यात्रियों का चुनाव कंप्यूटर के जरिए निष्पक्ष और रैंडम आधार पर जाएगा, जिसमें महिलाओं और पुरुषों का संतुलन भी रखा जाएगा. लिपुलेख दर्रे से कुल पांच बैच जाएंगे, हर बैच में 50 तीर्थयात्री होंगे. वहीं, नाथू ला दर्रे से दस बैच भेजे जाएंगे, जिनमें भी हर बैच में 50-50 तीर्थयात्री शामिल होंगे.
2020 में यात्रा पर लगी थी रोक
कैलाश मानसरोवर यात्रा 2020 में कोविड-19 महामारी और भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न तनाव के कारण रोक दी गई थी. खासतौर पर गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी, जिसके चलते यात्रा स्थगित कर दी गई थी.
हालांकि, अक्टूबर 2024 में कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक के बाद रिश्तों में सुधार आया. दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक जैसे विवादित क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी और सामान्य गश्त बहाल करने पर सहमति जताई.
भारत ने लगातार इस तीर्थयात्रा को फिर से शुरू करने का मुद्दा चीन के साथ उठाया. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नवंबर 2024 में रियो डी जनेरियो में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की थी. इसके बाद दिसंबर 2024 में विशेष प्रतिनिधि बैठक और जनवरी 2025 में विदेश सचिव की बीजिंग में चीनी उप विदेश मंत्री से बैठक के दौरान भी यह मुद्दा उठा. परिणामस्वरूप, यात्रा को 2025 की गर्मियों में पुनः आरंभ करने पर सहमति बनी.
भारत-चीन कूटनीतिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे
गौरतलब है कि 2025 में भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं. इस अवसर को चिन्हित करने के लिए दोनों देशों ने आपसी संवाद और संपर्क को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है. 26 मार्च 2025 को बीजिंग में हुई एक बैठक में अधिकारियों ने यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की और दिल्ली व बीजिंग के बीच सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने तथा मीडिया और थिंक टैंक संवाद को प्रोत्साहित करने पर भी सहमति जताई.