आयकर विभाग ने कांग्रेस के चार बैंक खातों को सीज कर दिया था. लेकिन आयकर अपीलीय प्राधिकरण (ITAT) ने कांग्रेस को राहत देते हुए इन खातों से फ्रीज हटा दिया था. लेकिन अब कांग्रेस का आरोप है कि आयकर विभाग ने उनके अकाउंट्स से 65 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. ऐसे में आयकर विभाग बनाम कांग्रेस मामले में आज अपीलीय अदालत में सुनवाई हुई. मामला इसी पैसे से जुड़ा हुआ है. सुनवाई के दौरान कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने दलीलें रखीं.
तन्खा ने कहा कि जब घर में शादी होती है, एक आदमी अपने सारे पैसे इकट्ठा कर लाता है ताकि शादी अच्छे से हो जाए. वैसे ही, जब कोई पॉलिटिकल पार्टी चुनाव में उतरती है, तो सारे फंड पार्टी केे लिए जरूरी होते हैं.
इस पर आयकर विभाग ने कहा कि ये कोई टैक्स की मांग नहीं है, जो चुनाव से पूर्व उठाई जा रही है. हम 2021 से इसे देख रहे हैं. अगर कांग्रेस भुगतान नहीं करते हैं तो हमें उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे. हमने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया है, कांग्रेस की ओर से बार-बार टैक्स का भुगतान नहीं किया जा रहा था जिस वजह से हमारे पास आखिरी विकल्प यही था.
बता दें कि इस मामले में कांग्रेस की याचिका पर आईटीएटी में बहस पूरी हो गई है और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है.
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कांग्रेस ने खटखटाया था आईटीएटी का दरवाजा
कांग्रेस का आरोप है कि आयकर विभाग ने उनकी पार्टी के तीन बैंक खातों से 65 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकाल लिए हैं. इस 65 करोड़ रुपये की वसूली के खिलाफ आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) का दरवाजा खटखटाया गया. कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा है कि आयकर विभाग ने पीठ के समक्ष निर्धारित सुनवाई के नतीजे की प्रतीक्षा किए बिना ही कार्रवाई की है.
पार्टी कार्यकर्ताओं का था पैसा- कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा कि यह पैसा यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्यकर्ताओं, भारतीय युवा कांग्रेस की सदस्यता शुल्क और एनएसयूआई के छात्रों द्वारा दिया गया पैसा है. पार्टी के मुताबिक,20 फरवरी को आयकर अधिकारी एआईसीसी, आईवाईसी और एनएसयूआई के खाते वाले विभिन्न बैंकों की एक शाखा से दूसरी शाखा में गए थे और बैंकों के अधिकारियों को हमारे नाम पर धनराशि सरकार को ट्रांसफर करने की धमकी दे रहे थे.