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आखिर कपिल सिब्बल का कैंपेन 'इंसाफ के सिपाही' है क्या? कौन लोग जुड़े हैं, किस फील्ड में करेंगे काम, सारे सवालों के जवाब

कांग्रेस से इस्तीफा देने के करीब नौ महीने बाद समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इंसाफ के सिपाही नाम से नई मुहिम शुरू करने का ऐलान किया है. कपिल सिब्बल की ये मुहिम इंसाफ के सिपाही आखिर है क्या? सिब्बल की इस मुहिम से कौन लोग जुड़े हैं, वे किस फील्ड में काम करेंगे, पढ़ें इन सारे सवालों के जवाब.

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कपिल सिब्बल (फाइल फोटो)
कपिल सिब्बल (फाइल फोटो)

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कांग्रेस पार्टी से किनारा करने के बाद एक नई मुहिम शुरू करने का ऐलान कर दिया है. कपिल सिब्बल ने हाल ही में इंसाफ मंच बनाने और इंसाफ के सिपाही नाम से न्याय की मुहिम शुरू करने की बात कही थी. कपिल सिब्बल ने इसके लिए वेब पोर्टल भी लॉन्च किया था और वकीलों के साथ ही समाज के हर वर्ग के लोगों से आगे आने की अपील की थी.

कपिल सिब्बल ने इंसाफ के सिपाही मुहिम शुरू करने का ऐलान करते हुए ये भी साफ किया था कि यह गैर राजनीतिक होगा. कपिल सिब्बल इसे लेकर 11 मार्च को सम्मेलन करने वाले हैं लेकिन इससे पहले चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर सिब्बल का कैंपेन 'इंसाफ का सिपाही' है क्या? सिब्बल की इस मुहिम से कौन से लोग जुड़े हैं, वे किस फील्ड में काम करेंगे. कपिल सिब्बल ने एक हद तक अपना उद्देश्य भी साफ कर दिया है.

कपिल सिब्बल ने इस मुहिम का ऐलान करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला और हर तरफ अन्याय का आरोप लगाया. कपिल सिब्बल ने कहा कि शिक्षकों, व्यावसायियों, पत्रकारों, किसानों से हर जगह भेदभाव किया जा रहा है. संविधान की 10वीं अनुसूची को मजाक बनाकर रख दिया गया है. उन्हों केंद्र सरकार पर पिछले नौ साल में आठ सरकारें गिराने का आरोप लगाया और आरएसएस को भी घेरा.

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कपिल सिब्बल ने कहा कि संघ गली-गली में अपनी विचारधारा फैलाता है. हम भी ऐसा ही करेंगे. उन्होंने कहा कि इस देश में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सवालों के घेरे में है. सिब्बल ने कहा था कि कुछ लोगों के पास लाखों करोड़ रुपये की संपत्ति है तो वहीं इस देश में 80 करोड़ लोग पांच हजार रुपये से कम कमाते हैं. लोगों के साथ कहीं भी अन्याय हो, हम उस अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे. ये एक राष्ट्रीय स्तर का मंच होगा जिसमें वकील सबसे आगे होंगे.

इंसाफ के सिपाही से कौन जुड़ सकता है?

कपिल सिब्बल ने ये भी कहा था कि इस दुनिया में जब भी बदलाव आया है, वकील मुख्य भूमिका में नजर आए हैं. भारत में वकील खामोश क्यों हैं? उन्होंने फ्रांस की क्रांति और अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का उदाहरण देते हुए देशभर के वकीलों से इस मुहिम में शामिल होने की अपील की थी. कपिल सिब्बल ने साथ ही ये भी साफ किया था कि वकील हों या आम आदमी, इस मुहिम से कोई भी जुड़ सकता है. जहां कहीं भी अन्याय होगा, इंसाफ के सिपाही से जुड़े लोग उस अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेंगे.

किस फील्ड में करेंगे काम

कपिल सिब्बल ने इंसाफ के सिपाही मुहिम को लेकर अधिक कुछ तो नहीं बताया है लेकिन बातों-बातों में इतना जरूर साफ कर दिया है कि ये मुहिम अन्याय के खिलाफ लड़ाई के लिए चलाई जाएगी. कपिल सिब्बल ने एक सवाल पर ये भी कहा कि नरेंद्र मोदी की आलोचना करने के लिए यहां नहीं बैठा हूं. मैं मोदी को सुधार दूंगा. कपिल सिब्बल ने अन्याय के खिलाफ लड़ने की बात कही और 2014 से अब तक विपक्षी नेताओं पर ईडी की कार्रवाई का भी जिक्र किया. उन्होंने ये भी कहा कि यह गैर राजनीतिक मुहिम होगी. उन्होंने गैर बीजेपी शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी सहयोग की अपील की थी.

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क्या है सिब्बल का मन?

कपिल सिब्बल ने कांग्रेस के साथ ही सभी विपक्षी दलों से भी इस मुहिम में शामिल होने की अपील की. उन्होंने ये भी साफ कहा कि मेरी मंशा देश में हर जगह फैले अन्याय के खिलाफ जनांदोलन खड़ा करने की है. हम कोई राजनीतिक दल बनाने नहीं जा रहे. गौरतलब है कि कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के गुट में कपिल सिब्बल का भी नाम था. कपिल सिब्बल ने नौ महीने पहले कांग्रेस पार्टी से किनारा कर लिया था जिसके बाद सपा ने उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में भेज दिया था.

 

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