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Indian Railway: ट्रेनों के पंखे चोरी रोकने के लिए रेलवे का यूनिक आइडिया जानते हैं आप?

ट्रेन में लगे पंखे की करें तो यह सभी बिजली उपकरणों से अलग होते हैं, इन्हें विशेष तौर पर डीसी में 110 वोल्ट पर चलने के लिए तैयार किया जाता है. यह पंखे घर में नहीं चल सकते इसलिए इन्हें चोरी करना भी बेकार है. 

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Fans in Trains
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • ट्रेन के पंखे बाहर निकालते ही बन जाते हैं कबाड़
  • डीसी में 110 वोल्ट पर चलने वाले पंखे लगते हैं ट्रेनों में

Indian Railway: गर्मी से बचाव के लिए भारतीय रेलवे की ओर से ट्रेनों में पंखे लगाए जाते हैं. ट्रेन में सफर के दौरान आपने भी पंखे लगे देखे होंगे और ऐसी खबरें भी सुनी होंगी कि ट्रेन में सामान चोरी हो गया या रेलवे का सामान चोरी कर लिया गया. आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि ट्रेनों में लगे पंखे चोरी नहीं हो सकते. 

अगर ट्रेन के पंखों को कोई चोरी कर भी ले तो यह किसी काम के नहीं रहते. दरअसल, रेलवे के पंखों में एक विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इन पंखों का निर्माण ऐसे किया जाता है कि आम तौर पर बिजली के उपकरण एसी (अल्टरनेटिव करेंट)  और डीसी (डायरेक्ट करेंट) पर ही चलते हैं. घर में अल्टरनेटिव करेंट पर ही सभी उपकरणों को चलाया जाता है. वहीं, अगर डायरेक्ट करेंट यानी डीसी की बात करें तो इसमें कम पॉवर बिजली उपकरणों को चलाया जाता है. जिसमें 5 वॉल्ट से लेकर 24 वॉल्ट से जुड़े बिजली के समान या चार्जिंग उपकरणों को इससे जोड़ा जा सकता है.

जबकि ट्रेन में लगे पंखे की करें तो यह सभी बिजली उपकरणों से अलग होते हैं, इन्हें विशेष तौर पर डीसी में 110 वोल्ट पर चलने के लिए तैयार किया जाता है. यह पंखे घर में नहीं चल सकते इसलिए इन्हें चोरी करना भी बेकार है. 

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अलर्ट सिस्टम से मिलती है जानकारी 
ट्रेन में इन पंखों को 3-3 के लाइन में लगाते हैं. हर कोच में 3 पंखे सामने की तरफ दो पंखे दूसरी तरफ होते हैं. ऐसे में अगर एक भी पंखे का तार कट जाए या छेड़छाड़ की जाए तो बाकी पंखे भी चलना बंद हो सकते हैं. एक तरह अलर्ट सिस्टम से रेलवे को पंखों पर जुड़ी जानकारी मिल सकती है. 

हालांकि, पिछले कुछ साल में रेलवे में चोरी को लेकर सख्ती देखी गई है. रेलवे को राष्ट्रीय संपत्ति माना जाता है, इसे नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ धारा 380 के तहत कार्यवाही का प्रावधान भी है. जिसमें 7 साल तक की सजा का प्रावधान एवं जुर्माना शामिल है.
 

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