
Railway Loss During Year 2021: कोरोनाकाल में भारतीय रेलवे में कई अहम बदलाव किए गए. कई दिनों तक ट्रेन सेवाएं पूरी तरह ठप भी रहीं और जब फिर से शुरुआत की गई, तब कई तरह के कोरोना प्रोटोकॉल्स को लागू किया गया. महामारी की वजह से बड़ी संख्या में लोग भी ट्रेन से यात्रा करने में संकोच करने लग गए. रेलवे जब सुचारू ढंग से चलने लगी है, तो लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कोरोनाकाल में रेलवे की कमाई पर क्या असर पड़ा है? संसद में इससे संबंधित सवाल पूछा गया है, जिसमें सरकार ने जवाब दिया है कि रेलवे को काफी नुकसान हुआ है.
संसद में रेल मंत्री से सवाल पूछा गया कि क्या भारतीय रेल को पिछले एक साल के दौरान घाटा हुआ है या राजस्व अर्जन में कमी आई है? यदि हां तो इससे संबंधित ब्यौरा क्या है. इसके अलावा, एक और सवाल पूछा गया कि क्या रेलवे ने पिछले एक साल के दौरान अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन या अन्य भत्तों में कोई कटौती की है और अगर हां तो इससे संबंधित ब्यौरा क्या है?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिया यह जवाब
शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से सवाल का जवाब दिया गया. उन्होंने बताया, ''हां, साल 2020-21 में रेलवे की कुल यातायात राजस्व में पिछले साल 2019-20 की तुलना में 34,145 करोड़ रुपये की कमी आई है. यह कमी मुख्य रूप से यात्री और अन्य कोचिंग राजस्व में पिछले एक साल की तुलना में क्रमश: 35,421 करोड़ और 2,544 करोड़ रुपये की थी.

सरकार के आंकड़ों के अनुसार, रेलवे का साल 2019-20 में यात्री राजस्व 50669.09 करोड़ रुपये था, जबकि 2021 में यह कमाई 15,248.49 करोड़ रुपये थी. इस हिसाब से रेलवे को कोरोनाकाल में 35,420.60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसके अलावा, अन्य कोचिंग राजस्व की बात करें तो साल 2019-20 में रेलवे को 4640.79 करोड़ रुपये मिले, जबकि साल 2021 में यह कमाई 2096.76 करोड़ रुपये रही. इस हिसाब से 2544.05 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.
साल 2019-20 में रेलवे का माल राजस्व 113487.89 करोड़ रुपये का था. हालांकि, इसमें साल 2021 में फायदा हुआ. रेलवे को इस साल 117231.82 करोड़ रुपये माल ढुलाई से मिले. इस तरह 3743.93 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. वहीं, सरकार ने स्पष्ट बताया है कि रेलवे ने पिछले एक साल में अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन या फिर अन्य किसी भत्तों में कोई कटौती नहीं की है.