
भारतीय नौसेना समंदर में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए 6 नई सबमरीन बनाने जा रही है. वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार ने आजतक से हुई खास बातचीत में कहा कि नौसेना 30 प्रिडेटर ड्रोन भी अपने बेड़े में शामिल करेगी.
वाइस एडमिरल ने कहा कि सबमरीन किसी भी नौसेना के लिए बेहद अहम होती है. ऐसे में 6 नई सबमरीन शामिल होना एक अहम फैसला है. इससे देश की ताकत कई गुना संमदर में बढ़ जाएगी.
प्रीडेटर ड्रोन ने रखेंगे नजर
उन्होंने कहा कि प्रीडेटर ड्रोन के जरिए समुद्री सीमा पर बहुत दूर तक नजर रखी जा सकती है. बंगाल की खाड़ी से लेकर पूरी समुद्री सीमा पर प्रीडेटर ड्रोन ने चीन, जापान और श्रीलंका हर देश के शिप पर नजर रखी जाएगी. समुद्री सीमा पर कोई चौंका नहीं सकता है.
वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार ने कहा, 'प्रीडटर ड्रोन से हमें समुद्री सरहद पर बहुत दूर तक निगरानी करने में मदद मिली है. बंगाल की खाड़ी से लेकर पूरी समुद्री सरहद पर प्रीडटर ड्रोन ने चीन, जापान, श्रीलंका हर देश के शिप पर नजर रखी. कोई हमें समुद्री सरहद पर नहीं चौंका सकता. मुंबई पर 26/11 के हमले की तुलना में हम अब काफी तैयार हैं.'
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नौसेना के लिए बन रहे 41 शिप
भारतीय नौसेना खुद को लगातार मजबूत करने में जुटी है. मौजूदा वक्त में नौसेना के लिए 41 शिप बन रहे हैं. इन सभी सबमरीन और शिप में मेक इन इंडिया का एक बड़ा प्रतिशत है. देश का पहला स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत इस साल के अंत तक नौसेना को मिल जाएगा.

वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार ने कहा कि हम सिर्फ युद्ध की तैयारी नहीं करते हैं बल्कि शांतिकाल में भी समुद्री व्यापार की सुरक्षा में नौसेना की बड़ी भूमिका है. हम देश के सामने आने वाली हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
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